एसडीएम ने पकड़े 24 वाहन, बिना ईटीपी के ओव्हर लोड थे सभी वाहन

नियमत: चले तो 1 करोड़ राजस्व का होगा मुनाफा
(अमित दुबे-8818814739/ रामनारायण पाण्डेय +91 99938 11045)
शहडोल। अभी से करीब 10 घंटे पहले रात 2 से 3 बजे के बीच एसडीएम और तहसीलदार की संयुक्त टीम ने मसीरा घाट से हो रहे अवैध उत्खनन के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की। जयसिंहनगर से लेकर ब्यौहारी तक कई स्थानों से संयुक्त टीम ने 23 हाईवा और एक टैक्टर जब्त किया, किसी भी वाहन के पास मौके पर परिवहन पास नहीं पाये गये, ईटीपी भी उनके मोबाइलों पर नहीं थी, वाहन चालकों के पास किसी शिवा नामक कंपनी की हाथ से लिखी हुई पर्ची थी, जो पूर्णत: अवैध थी, प्रथम दृष्टवया सभी वाहन अवैध पाये गये औन उनमें रेत भी ओव्हर लोड थी।
एसडीएम के बातों की पुष्टि तहसीलदार ने भी की, उन्होंने कहा कि कोई दस्तावेज नहीं थे, देखने से ही गाडिय़ा ओव्हर लोड दिख रही थी, कुछ वाहनों की माप कराई गई और बाकी की माप शीघ्र कराई जायेगी। फिलहाल ब्यौहारी में पेशी के कारण वहां जा रहा हूं, आकर कार्यवाही आगे बढ़ाई जायेगी।
गौरतलब है कि पूरी गाडिय़ा उमरिया जिले के मानपुर थाना के मसीरा घाट से देर रात लोड होकर आ रही थीं, लगभग वाहन चालकों ने इस बात के बयान दर्ज कराये हैं कि देर रात वे मसीरा घाट पहुंचे थे, वाहनों की लंबी कतार लगी थी, नदी में वाहन उतार कर पोकलेन से रेत लोड कराई गई, जिसे रीवा ले जा रहे थे। सवाल यह उठता है कि उमरिया जिले का खनिज अमला, एसडीएम, तहसीलदार, कलेक्टर और स्थानीय पुलिस इस संबंध में क्या कर रही है। ये वाहन उमरिया जिले से होते हुए वॉया जयसिंहनगर, ब्यौहारी, देवलोंद होते हुए रीवा जाते थे, इन तीन थानों की पुलिस ने भी मुख्य मार्ग पर जांच के लिए ड्रम तो लगा रखे हैं, लेकिन वे वाहनों को क्यों नहीं रोकते थे, जांच क्यों नही करते थे, क्या वे उमरिया जिले के अधिकारियों की तरह शिवा कंस्ट्रकशन के हाथों बिके हुए थे, खनिज मंत्री और सूबे के नये मुखिया की जीरो टॉलरेंस की घोषणा क्या प्रदेश के पुलिस महानिदेशक भोपाल से शहडोल, उमरिया के पुलिस विभाग तक नहीं पहुंचाई है।
यदि एसडीएम, तहसीलदार और शहडोल के खनिज अमले ने गोलमाल न करते हुए इस मामले में नियमत: कार्यवाही की तो नियमत: ओव्हर लोड और ईटीपी न होने कारण लदा खनिज अवैध माना जायेगा, सिर्फ ओव्हर लोड होने पर ही खनिज नीति के तहत खनिज अवैध माना जाता है, जिसमें नियमत: काटी गई ईटीपी के शुल्क से 60 गुना जुर्माना होता है, यही नहीं यदि यह अवैध माना जाता है और जुर्माना तय होता है तो खदान की अनुमति और अनुबंध भी निरस्त होना चाहिए। इतना ही नहीं पकड़े गये 23 से 24 वाहनों की खनिज रॉयल्टी से 60 गुना जुर्माना होता है तो यह जुर्माने की राशि करीब 93 से 95 लाख पहुंच जाती है।
सवाल यह भी उठता है कि उमरिया जिले के संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों के अलावा शहडोल जिले के तीनो थाना प्रभारियों व स्टॉफ की जिम्मेदारी तय भी होती है कि नहीं। कमिश्नर और आईजी इस मामले में इनके ऊपर क्या कार्यवाही करते हैं। पूरी कार्यवाही में एसडीएम, तहसीलदार सहित राजीव पाण्डेय पटवारी, राजभान पटवारी, विजयकांत पाण्डेय, दशरथ सिंह सहित स्थानीय पुलिस बल की भूमिका रही। ी।