क्या दुलहरा पंचायत कर्मचारियों को जनपद की हरीझण्डी?

मामला नल-जल चालक को प्रतिमाह 9000 का भुगतान का

(अमित दुबे-8818814739)
शहडोल। जिस तरीके से प्रदेश में विकास की योजनाओं को लागू किया जा रहा है और उन पर क्रियान्वयन के लिए दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं कि काम अतिशीघ्र पूरा किया जाए और काम को सही तरीके से कराया जाए, लेकिन उनमें कहीं भी कोई असर नहीं लग रहा कि सरकार की मंशा अनुसार कार्य किया जाए बल्कि हर जगह पर यही लग रहा है कि भ्रष्टाचार का बोलबाला ही नजर आ रहा है जो कि ग्राम पंचायतों में आम देखा गया है जैतहरी जनपद में जिस तरीके से ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार ने अपने पांव पसार रखे हैं। यह काबिले तारीफ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि जिस तरीके से सरकार के आदेश हैं वह आदेश कितने लागू हो रहे हैं और कितना उन पर सरकार की मंशा अनुसार कार्य किया जा रहा है यह दुलहरा पंचायत में देखा जा सकता है।
खुलेआम भ्रष्टाचार
जैतहरी जनपद की दुलहरा पंचायत में खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है, लेकिन विभागीय अधिकारी अपनी चुप्पी साधे हुए बैठे हुए, ऐसा नहीं है कि जिम्मेदारों ने कार्यवाही के लिए कुछ नहीं किया, साहब ने 1 जुलाई को पत्र जारी कर सचिव को कहा था कि आप सभी साक्ष्य लेकर कार्यालय में उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण दें, शायद साहब पर काम का इतना बोझ है कि साहब आगे की कार्यवाही करना भूल गये, सूत्र बताते हैं कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब साहब कार्यवाही करना भूल गये हो, साहब इतने कर्तव्य निष्ठ हैं कि उनका कारनामा किसी से शायद ही छुपा हो।
क्या है तात्पर्य
ग्राम पंचायत दुलहरा के सचिव और सरपंच के हौसले इस कदर बुलंद है कि उनका कहना है कि हमने कार्यालय में दस्तावेज दे दिये हैं, खबर है कि इन दिनों सचिव यह कहते घूम रहे हैं कि हमने पहले ही सबकुछ पहुंचा दिया है, साहब के पास कार्यवाही कैसे होगी, अगर जो साहब का ऑडियो वॉयरल हुआ है, तो हम पर कोई प्रश्न चिन्ह नहीं लगा सकता।
कब होगी कार्यवाही
जनपद में अगर कमीशन जाता है अगर कमीशन नहीं जाता है तो इस तरीके से हो रहे भ्रष्टाचार पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है? ग्राम पंचायत दुलहरा में देखा गया कि यहां पर विकास योजनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जहां रामनारायण नाम जल चालक को 300 रूपये के हिसाब से मजदूरी का भुगतान किया गया है, वहीं एक मजदूर के खाते में भी पैसे डाले जाने का पंच परमेश्वर पोर्टल में स्पष्ट दिखाई दे रहा है, उसके बाद भी जिम्मेदार अपने कमीशन के चक्कर में आज तक उस पर कार्यवाही करने से परहेज कर रह है।
जेब का बढ़ा वजन
अधिकारियों की सरकार की मंशा के अनुसार कार्य करना उनकी जिम्मेदारी है, लेकिन वह किस तरीके से अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन कर रहे हैं, यह ग्राम पंचायतों में हो रहे कार्यों के ऊपर देखा जा सकता है आखिरकार जनपद में बैठे अधिकारियों को यह क्यों नहीं दिखाई पड़ रहा है कि काम में भ्रष्टाचार हो रहा है, उसके बाद भी वह कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं , जिससे कि ऐसा तो नहीं है कि उनकी भी जेब का वजन बढ़ा दिया गया और जब जेब का वजन बढ़ता है तो अपने आप ही कार्यों को आंखें बंद करके प्रमाणित कर दिया जाता है हालांकि इस बात से इनकार किया नहीं जा सकता है क्योंकि जो देखा जा रहा है वह काफी है भ्रष्टाचार को आइना दिखाने के लिए।
इनका कहना है…
दुलहरा सचिव को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उसके बाद उसने कार्यालय में कागज दिये या नहीं अभी जानकारी है।
इमरार सिद्धकी
जनपद सीईओ, जैतहरी

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