पुलिस के खिलाफ सड़कों पर उतरी, जनता पुलिस के आचरण से संहिता को हो रहा उल्लंघन


राजनैतिक इशारे पर पुलिस प्रशासन कर रही है गलत कार्यवाही
पुलिस के खिलाफ सड़कों पर उतरी जनता
पुलिस के आचरण से संहिता को हो रहा उल्लंघन

राजेश सिंह
अनूपपुर। म.प्र. के अंतिम छोर में बसे बिजुरी नगर में विगत कुछ माह से राजनैतिक दबाव में पुलिस प्रषासन गलत तरीके से कार्यवाही कर रही है। एक तरफ निर्वाचन आयोग आम जनता से लेकर सभी को आचार संहिता का पाठ पढ़ा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ प्रषासनिक अमला निर्दोष लोगों पर कानून का चाबूक चला कर जनता को उग्र होने के लिये विवश कर रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां पर बिजुरी नगर के नगरपालिका अध्यक्ष पुरूषोत्तम सिंह के सभ्रांत पिता नर्मदा सिंह पर गलत मामला दर्ज कर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जिसके विरोध में जनता की आवाज उठना लाजमी है, और इसी कड़ी में सोमवार के दिन बिजुरी नगर विकास समिति तथा जनाधिकार मंच के बैनर तले भारी संख्या में पुलिस के गलत कार्यप्रणाली का विरोध करते हुए सड़कों पर प्रदर्षन किया। यह अलग बात है, कि पुलिस और प्रषासन के दबाव में आन्दोलन उग्र नहीं हो पाया, लेकिन जो आग जनता के दिलों में सुलग रही है वह एक दिन शोला न बन जाये। इसकी चिन्ता करने की जरूरत है।
क्यों हुआ विरोध?
सवाल यह उठता है, कि एक ओर आचार संहिता लागू है और सभी उसका पालन करने का उपदेष दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में जनता का उग्र होना, इसके पीछे क्या हो सकता है। इसकी सूक्ष्म जांच होनी चाहिये। जो कार्यवाही थाना प्रभारी बिजुरी ने राजनैतिक दबाव में किया है, क्या वह जायज है? या फिर सत्ता पक्ष के दबाव में आकर ऐसी कार्यवाही को अंजाम दिया गया। कुल मिलाकर प्रषासन की निष्पक्ष कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं, जिसका जवाब आम जनता मांग रही है। नगरपालिका अध्यक्ष के पिता पर दोष सिद्ध नहीं हुआ, फिर भी ऐसी कार्यवाही आनन-फानन में करना कितना न्यायसंगत है? यह अपने आम में एक विचारणीय प्रष्न है।

अधिकारियों के जांच को किया दरकिनार…
बिजुरी थाना ने अपराध क्र. 192/2018 के तहत् नगरपालिका अध्यक्ष पुरूषोत्तम सिंह के पिता नर्मदा सिंह के खिलाफ झूठी षिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। जब इसकी जांच के लिये पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई, तो वरिष्ठ अधिकारी भी इस मामले में जांच उपरांत नर्मदा सिंह को पूर्ण रूप से दोषी नहीं माना। इसके बाद भी द्वेषपूर्वक कांग्रेस पार्टी के दबाव में यह कार्यवाही थाना प्रभारी बिजुरी के द्वारा की गई, जिसके विरोध में जनता सड़क पर उतर आई।
दे रहे हैं संरक्षण….
वहीं दूसरी तरफ देखा जाये तो बिजुरी थाना में कई ऐसे संगीन अपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें आरोपी यहीं पर घूम रहे हैं, लेकिन उन्हें पुलिस फरार बताकर उनकी गिरफ्तारी नहीं कर रही है। क्योंकि ऐसे अपराधियों पर कांग्रेस पार्टी के लोगों का सह प्राप्त है। हाल ही में मिल्हू केवट की गिरफ्तारी उपरांत मारपीट किये जाने के बाद उसकी मृत्यु के बाद जब मामला उठा तो पूरा प्रषासन अपने बचाव के लिये एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। इस मामले में भी लीपा-पोती का प्रयास किया जा रहा है।

घूम रहे हैं, 307 के आरोपी
कुछ दिनों पहले बिजुरी नगर के अन्दर एक युवक को जान से मारने का प्रयास किया गया। उस मामले में बिजुरी नगर के एक कांग्रेस नेता के पुत्र का हाथ शामिल था, जिसके उपर 307 का अपराध कायम है, और बताया जाता है, कि वह आरोपी खुलेआम घूम रहा है। यहां तक कि परीक्षाओं में भी बैठकर परीक्षा दिया। इसके बाद भी पुलिस उसे फरार बता रही है। ऐसे संगीन और खुले अपराधों में बिजुरी पुलिस खुला संरक्षण देकर एक ओर लोगों को बचा रही है, तो वहीं दूसरी ओर निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज रही है। ऐसी दोहरी मानसिकता यहां की जनता बर्दाश्त नहीं करने वाली है।
अवैध धंधों को खुला संरक्षण
हम बात बिजुरी नगर की ही नहीं कर रहे हैं अपितु पूरे जिले की करने जा रहे हैं। छोटे-छोटे मामलों से लेकर बड़े मामलों में पुलिस की भूमिका सभी के सामने है। पुिलस कप्तान के नाक के नीचे अनूपपूर शहर के अन्दर कबाड़, सट्टा का अवैध धंधा फलफूल रहा है। तो बिजुरी जैसे छोटे नगर में स्थिति क्या होगी? इसकी कल्पना की जा सकती है। यहां पर अवैध धंधों को थाना प्रभारी खुला संरक्षण दे रहे हैं, तो वहीं सलाखों के पीछे भेज रहे हैं।
आचरण सुधारो संहिता का पालन जनता करेगी
बिजुरी नगर विकास समिति और जन अधिकार मंच के तहत् भारी संख्या में जब लोगों का हुजूम सड़कों पर निकला तो एक ही आवाज उठ रही थी, कि पुलिस प्रषासन पहले अपना आचरण सुधारंे और निर्दोष लोगों पर जो कार्यवाही कर रही है। उसको बंद करंे। जनता अपने आप आचार संहिता का पालन करेगी। जब प्रषासन ही अपने आचरण में सुधार नहीं लायेगा, तो जनता से उम्मीद करना बेईमानी है।
ज्ञापन देकर की जांच की मांग
बिजुरी नगर विकास समिति तथा जन अधिकार मंच के तहत् भारी संख्या में लोगांे के कोतमा एसडीएम और अनुविभागीय पुलिस अधिकारी कोतमा को बिजुरी पुलिस की कार्यप्रणाली के विरोध में ज्ञापन देते हुए तमाम मामलों की निष्पक्ष जांच की मांग की है। यदि इस ओर शीघ्र कार्यवाही नहीं की गई तो आने वाले समय में उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी गई।

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