यूबीआई के प्रबंधक पर फिर उठी उंगली

खाता बंद होने के 2 माह बाद भी पैसे नही हुए ट्रांसफर

(Anil Tiwari+91 88274 79966)
बुढ़ार। कालेज तिराहा में संचालित यूबीआई बैंक अपने कारनामों के कारण आये दिन सुर्खियों में बना रहता है, जहां पूर्व में एटीएम से 500 रूपये का नकली नोट निकलने के कारण उपभोक्ता काफी परेशान हो गया था, उस मामले का आज तक खुलासा नहीं हो सका कि आखिर एटीएम मे 500 का नकली नोट कहां से आया था। उस समय भी शाखा प्रबंधक की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए थे, लेकिन महीनों गुजरने के बाद मामले पर धूल जम गई और एक बार फिर शाखा प्रबंधक के कारनामों के चलते बैंक सुर्खियों में है।
यह है मामला
थाना क्षेत्र अंतर्गत यूनियन बैंक के शाखा प्रबंधक के खिलाफ थाना में शिकायतकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई है, महिला शिकायतकर्ता ने बताया कि उनका खाता यूबीआई में है, जिसमें 11 लाख 85 हजार जमा है, करीब 2 माह पूर्व अपनी एफडीआर को तोड़कर खाते में जमा की थी व खाता बंद कर राशि को अपने एसबीआई शहडोल के खाते में जमा करने हेतु आवेदन दिया था, तब शाखा प्रबंधक ने अपने अधीनस्थ को निर्देश देकर अगले दिन कार्यवाही करने व राशि ट्रांसफर के निर्देश दिये थे, अगले दिन मेरे पति द्वारा संपर्क किया तब पेन व आधार की प्रतिलिपि भी प्रस्तुत की गई, किन्तु डेढ़ माह पश्चात भी राशि ट्रांसफर न किये जाने पर पुन: शाखा में जाने पर यह कहा गया कि आपका आवेदन गुम गया है, आप पुन: आवेदन पत्र दे दें।
व्यवसाय में हो रही बदनामी
शिकायतकर्ता ने बताया कि मेरे द्वारा पुन: आवेदन पत्र पेन व आधार कार्ड के साथ दिया गया, किन्तु आज दिनांक तक राशि ट्रांसफर नहीं हुई है, उक्त कृत्य से मेरे साख में काफी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है व मेरे चेक भी अमान्य हो रहे है, इससे मेरे विरूद्ध कार्यवाही भी हो सकती है, साथ ही मार्केट में व मेरे व्यवसाय में मेरी बदनामी होगी, इस कारण मेरा मानसिक परेशानी हो रही है, इस कारण कभी भी मेरे साथ कोई घटना हो सकती है, इस सब के लिए यूबीआई बुढ़ार शाखा के प्रबंधक व मुख्य लेखापाल पूर्ण रूप से जवाबदार होंगे। शिकायतकर्ता ने दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की है।
पुलिस अधीक्षक ले संज्ञान
बुढ़ार थाना क्षेत्र अंतर्गत पूर्व में भी एक पैथालॉजी से नकली नोट छापने के मामले में आरोपियों को पकड़ा गया था, उसके बाद यूबीआई के एक एटीएम से नकली नोट निकली थी, एटीएम से नकली नोट का मामला बुढ़ार थाना में पहुंचा था, तात्कालीन पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में संज्ञान लिया था, लेकिन अंत में इस मामले में कुछ नहीं हो सका, जागरूक जनों ने संवेदनशील पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि इस मामले फाईल निकलवाकर जांच पुन: कराई जाये।

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