लोकतंत्र हो तभी महान, सभी करें जंहा मतदान – कामता पाण्डेय

(शुभम तिवारी- 87703 54184)

शहडोल। सत्रहवीं लोकसभा के गठन के लिए आम चुनाव, देशभर में 11 अप्रैल से 19 मई 2019 के बीच 7 चरणों में आयोजित हो रहे है, चुनाव के परिणाम 23 मई को घोषित किये जाएंगे, तत्पचात भावी सरकार का गठन होगा। आगामी 29 अप्रैल को हमारे लोकसभा क्षेत्र शहडोल में मतदान होगा।
किसी देश में जितना नागरिकों को मताधिकार प्राप्त रहता है उस देश को उतना ही अधिक लोकतांत्रिक समझा जा सकता है। इस दृष्टि से हमारा देश संसार के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों में से एक है क्योंकि हमारे यहाँ मतदान का अधिकार प्राप्त नागरिकों की संख्या विश्व में सवार्धिक है।
राजनीति में वर्तमान समय मे युवाओं की सक्रिय भागीदारी है , लेकिन समाज का बड़ा तबका आज कई वजहों से राजनीति को अछूत जैसी दॄष्टि से देखता है, आज कोई भी परिवार अपने बच्चे को यह नहीं कहता की तुम राजनीति का हिस्सा बनो। समाज को भी राजनीति के प्रति यह सोच बदलनी होगी तभी स्वच्छ राजनीति एवम स्वस्थ्य लोकतंत्र का बना रहना संभव हो सकेगा। भारत आज युवा शक्ति के रूप में दुनिया में सबसे अधिक समृद्ध और शसक्त है। यह स्थिति भारत के विकास के रूप से महत्वपूर्ण दिशा एवम दशा का निर्धारण कर सकती है, लेकिन यह सपना तभी साकार हो सकता है जब देश, समाज, एवम राजनैतिक दल युवाओं का केवल दुरुपयोग ही नही करेंगे वरन उन्हें उचित मौके देंगे तथा उन पर विश्वाश जताएंगे तभी युवा वर्ग भी विकास एजेंडा तय करने के लिए अपने आपको देश, समाज और स्वच्छ राजनीति हेतु अपने आपको समर्पित कर सकेंगे।
हम सबको संविधान द्वारा प्रदत्त अपने मतों का प्रयोग करके शत् प्रतिशत मतदान करना चाहिए। जिस पार्टी का जो नेता आप चाहते हैं उसके पक्ष में आप मतदान करिए, क्योंकि सभी नेता देश के नागरिक हैं और चुनाव आयोग से मान्यता प्राप्त हैं। इसलिए उस क्षण तक वे जनता के प्रतिनिधि हैं,
आपका कीमती वोट किसी भी नेता का मूल्यांकन कर सकता है, जो पार्टी, जो नेता आप चुनेंगे वो जीत कर आएगा और यदि शत् प्रतिशत मतदान किया जाता है तो उस जीते हुए जनप्रतिनिधि की भी सोच बदल सकती है और वह आपने क्षेत्र के हर व्यक्ति के लिए अच्छा से अच्छा काम कर सकता है, जैसे कि – रोजगार, स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं, बिजली आपुर्ति, स्वच्छ पानी, बेहतर सड़कें, प्रत्येक की सुरक्षा, सभी को शिक्षा, आदि-आदि.
अतः हम सभी युवाओं की नैतिक, सामाजिक, एवं राष्ट्रीय जिम्मेदारी बनती है कि चुनाव प्रक्रिया को त्रुटिपूर्ण समझकर चुनाव के दिन घर में ही रहने, पिकनिक मनाने या फिर अन्य काम निपटाने का प्रयास न करते हुए वरन सपरिवार घर के बाहर निकलकर अपना अमूल्य मतदान करें और राष्ट्र को एक शसक्त सरकार समर्पित करें जिससे राष्ट्र की एकता, अखण्डता, समरसता, एवम स्वास्थ्य लोकतंत्र को कायम रखते हुए भारत को विश्व पटल में मजबूती से स्थान मिल सके, और हमारा देश विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर हो।

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