वाटर शेड के नाम पर हो रहा 4 करोड़ का फर्जीवाड़ा @ जयसिंहनगर जनपद में शासन की राशि का दुरूपयोग_ उपयंत्री व ब्लाक समन्वयक पर गंभीर आरोप

(पंडित रघुवंश मिश्र)
शहडोल। जिले में पानी रोकने व भूजल स्तर बढ़ाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं संचालित हो रही है जिसमें जयसिंहनगर जनपद में वाटर सेड योजना से 4 करोड से अधिक के काम हो रहे हैं लेकिन जवाबदार अधिकारियों की अनदेखी के कारण सिर्फ काम की औपचारिकता पूरी की जा रही है और शासकीय राशि का बंदरबांट किया जा रहा है यहां पर कार्य को एक संविदा उपयंत्री अरुणाभ शर्मा, ब्लॉक समन्वयक लटोरी सिंह दंडोतिया कार्य का संपादन करा रहे हैं, लेकिन काम में लीपापोती की जा रही है। वरिष्ठ अधिकारी कभी भी वाटर शेड के कार्यों का अवलोकन तक नहीं किया है, जबकि 2 करोड़ से अधिक का पेमेंट भी हो चुका है। मार्च तक चार करोड़ के कार्य पूरे होंगे। जिसके लिए सिर्फ एक महीना और बचा है।
शासन की मंशा पर फेर रहे पानी
इस योजना के तहत बनाए जा रहे खेत-तालाब बनाए जा रहे हैं, इसमें पानी भी नहीं ठहरेगा और शासन की मंशा पर पानी फिर जाएगा। जिन गांवों में वाटरशेड के काम कराए जा रहे हैं या कराए गए हैं, उनमें नगनौडी, झिरिया, कल्हेय, झिरियाटोला, भत्तू, बलौडीपूर्व, बलौडी पश्चिम आदि शामिल है। इन कामों का पत्रकारों की एक टीम ने जाकर मौके पर निरीक्षण किया। यहां पर पाया गया है कि कहीं भी कोई काम ढंग से नहीं कराया गया है। अपनी जेब भर रहे हैं वाटर शेड का काम जिले में जनपद जयसिंहनगर में ही हो रहे हैं बाकी जनपदों को इस योजना से अलग रखा गया है। इसके बाद भी जिले के आला अधिकारियों को निरीक्षण का समय नहीं है और लगभग 4 करोड की राशि पानी के नाम पर डाली जा रही है जिन गांवों में कार्य हुए हैं वहां के लोगों ने कार्य पर कड़ी आपत्ति जताई है और कार्य कराने वाले अधिकारी, कर्मचारियों के खिलाफ जांच की मांग की है।
चल रहा फर्जीबाड़ा का खेल
ग्रामीणों ने बताया कि काम के नाम पर लीपापोती हो रही है। कोई भी काम ढंग से कहीं भी नहीं कराया गया है। संविदा उपयंत्री अपने को किसी नेता का भांजा बताकर कार्यो मेें फर्जीबाड़ा कर रहे है। इसी तरह विकास खंड समन्वयक लटोरी सिंह शासकीय राशि की होली खेलने में शामिल है। उनके कार्यों की शिकायतें हो चुकी हैं लेकिन आज तक कोई अधिकारी मौके पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है, अगर अभी भी फर्जीवाड़े पर रोक नहीं लगाई गई तो खानापूर्ति के अलावा ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं मिलेगा, जबकि वाटर सेड में कराए जा रहे कार्यो का टीएस आरईएस ने दिया है और प्रशासनिक स्वीकृति कलेक्टर ने दिया है, इसके बाद भी आरईएस के इंजीनियर भी किसी एक भी कार्य का अभी तक निरीक्षण नहीं किए हैं जबकि 4 करोड की राशि खर्च होने की कगार पर है।
जांच की उठाई मांग
ग्रामीणों ने मांग की है कि जयसिंहनगर जनपद क्षेत्र में कराए जा रहे विकास कार्यों की जांच कराई जाए और दोषी संविदा उपयंत्री व ब्लॉक स्तर के अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। वाटर शेड के तहत कंटूर ट्रेंच, तालाब, स्टॉप डेम, चेक डैम आदि बनाए जाने हैं लेकिन कहीं पर भी कोई भी कार्य पूर्ण नहीं है और हर जगह गुणवत्ता की अनदेखी की गई है। इन कार्यों की अभी तक सीसी भी जारी नहीं हुई है, जबकि आधे से अधिक कार्य पूर्ण बताए जा रहे हैं।