तेल माफियाओं पर प्रशासन की विशेष कृपा!

                                                   बाजार में परोसा जा रहा मिलावटी तेल
                                  आम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ के लिए कौन है जिम्मेदार

शुभम तिवारी शहडोल। सरसों के तेल में धड़ल्ले से मिलावट हो रही है, जो बीमारियों का कारण बन रहा है। इससे अंजान आम
आदमी पूरे पैसे चुकाने के बाद भी मिलावटी तेल खरीदने को मजबूर है। तेल माफिया जनता की सेहत से खिलवाड़ कर
रहे हैं, वहीं स्वास्थ्य विभाग चुप्पी साधे बैठा है। महंगाई के चलते बाजार में बड़े पैमाने पर मिलावटी सरसों का तेल
बेरोकटोक ब्रांडेड कंपनी की टिन और बोतलों में पैक कर बेचा जा रहा है। तेल माफिया अधिक मुनाफे के चक्कर में
लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं, लेकिन खाद्य विभाग तेल माफियाओं पर नकेल नहीं कस पा रहा है, चर्चा है कि
साहब ने लगभग दुकानों से नजराना बांध रखा है, जिसके चलते साहब की जांच त्यौहार के सप्ताह शुरू होती है और
त्यौहार के बाद साहब की पड़ताल ठण्डे बस्ते में चली जाती है।
पूरे साल चलती है मिलावट
संभागीय मुख्यालय में कई कारोबारियों ने फैक्ट्री डाल रखी है, जहां पॉम ऑयल की खपत होती है, जहां ब्राण्ड ऑयल
के नाम पर बाजार में मिलावटी तेल बेचा जाता है और उसके बाद लोगों के घरों तक पहुंच रहा है, संभागीय मुख्यालय
के बड़े तेल कारोबारियों द्वारा कस्बाई इलाकों के दुकानदारों को भी मिलावटी खाद्य तेलों की बिक्री जोरों पर की जा

रही है, मिलावट का खेल वैसे तो पूरे साल चलता है, लेकिन त्योहारों और शादियों के सीजन में मांग बढऩे से मिलावट
खोरी और बढ़ जाती है। इस दौरान सबसे ज्यादा रिफाइंड व सरसों के तेल की मांग होती है। महंगाई की वजह से सरसों
के तेल में मिलावट की जड़ें इलाके में मजबूती से फैली हुई है।
जिंदगी से किया जा खिलवाड़
बाजार में नकली सरसों का तेल भी खूब बिक रहा है। शहडोल मुख्यालय से बड़े कारोबारियों द्वारा बुढ़ार, अमलाई,
धनपुरी, राजेन्दग्राम, अमरकंटक सहित अन्य बड़ी आबादी वाले क्षेत्रों सहित ग्रामीण दुकानदारों के यहां मिलावटी
तेल खपा रहे है, लेकिन जिला मुख्यालय में बैठा खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्य कुशलता का अंदाजा इसी बात से
लगाया जा सकता है कि वह त्यौहारों के समय होटलों पर जाकर मिठाईयों के नमूने तो लेता है, लेकिन होटलों में जहां
से तेल आता है और तेल माफिया के तक उसकी नजर नहीं पहुंच रही है, या ऑल इज वेल की तर्ज पर लोगों की जिंदगी
से खिलवाड़ के लिए उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है।
नहीं उठाये जा रहे कोई कदम
संभागीय मुख्यालय के अलावा भी बाजारों में बड़े पैमाने पर मिलावटी सरसों का तेल धड़ल्ले से बिक रहा है। संभागीय
मुख्यालय के कई दुकानदार बडे ब्रांड से मिला जुला नाम से पैकिंग कर बाजार में नकली तेल परोस रहे हैं, सरसों की
तेल में मिलावट करने वाले अधिक मुनाफा के चक्कर में लोगों की जान से खिलवाड़ करते हैं, विभिन्न ब्रांड के नाम पर
भी नकली तेल बेचा जाता है। इसमें पाम आयल, राइस ब्रान, सोया आयल मिलाकर सरसों का तेल बनाते हंै। इसके
बाद असली से 3-40 रुपए कम दामों में बेच रहे है। कुछ दुकानदारों ने बताया कि सस्ते दामों में मिलने वाले इन तेलों
की खासियत यह होती है कि इनमें किसी तरह की खुशबू नहीं होती है और मिलावटखोर इसी का फायदा उठाते हैं। इस
समय घटिया व मिलावटी खाद्य तेल धड़ल्ले से बिक रही है, लेकिन इसकी जानकारी होने के बाद भी खाद्य सुरक्षा
विभाग की ओर से इसके रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

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