पंडित एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय में नवीन शिक्षण सत्र को लेकर हुआ मंथन

शहडोल। पंडित एस.एन. शुक्ला विश्वविद्यालय में सभी प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक एवं अतिथि विद्वानों के
साथ आने वाले शिक्षण-सत्र को लेकर विभिन्न विषयों पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रामशंकर ने मंथन
किया। मुख्य रूप से इस नवीन सत्र के लिए छात्रों की उपस्थिति और विश्वविद्यालय में पढ़ाए जाने वाले विषयों पर
नवाचार बढ़ाने पर पर मंथन रखा गया था। पूरी कक्षाएं ‘प्रॉब्लम बेस्ड लर्निंग‘ पर आधारित होंगी। प्राध्यापकों द्वारा
कक्षाओं में पढ़ाने का प्रेजेंटेशन तैयार किया जाएगा, उसे विभागाध्यक्ष के अनुमोदन के बाद कक्षाओं में प्राध्यापक
पढ़ा सकेंगे। कक्षाओं में छात्रों का उपस्थित होना अनिवार्य होगा, क्योंकि यह कोर्स ‘नवीन शिक्षा नीति‘ के अनुसार
पढ़ाया जाएगा। इस शिक्षा में जो क्रेडिट सिस्टम है उसे सी. बी. सी .एस. कहते हैं और इसे काउंट करने के लिए प्रत्येक
पढ़ाये जाने वाले क्लास के घंटों को काउंट किया जाता है। छात्रों के व्यक्तित्व-विकास के लिए विश्वविद्यालय में
अलग-अलग क्लब बनाए गए हैं, जिसमें छात्र भाग लेकर व प्रतिभा का उपयोग कर अपना सतत विकास कर सकेगें।
कुलपति प्रोफेसर राम शंकर निर्देश दिया है कि वें विश्वविद्यालय का वातावरण छात्रों के समुचित विकास के लिए
प्रेरणादाई और मित्रता पूर्ण बनाने में सहयोग करेंगे। इस हेतु छात्रों के अलग-अलग ग्रुप बनाए गए हैं जिन ग्रुप्स में
एक-एक मेंटर शिक्षक तय किया जाएगा, जो छात्रों की पढ़ाई से संबंधित निहित समस्याओं का समाधान देगा और
उन्हें व्यवस्थित पढ़ाने के लिए प्रेरक का काम करेगा। यह व्यवस्था ‘उच्च स्तरीय एजुकेशन‘ व्यवस्था पर आधारित
होगी। समस्त विभागों में छात्रों की समस्याओं से संबंधित हेल्प डेस्क होंगे जिनका उपयोग कर छात्र अपनी
समस्याओं का निदान प्राप्त कर सकेंगे।
परीक्षा और पढ़ाई से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय हुए, जिनमें समय-विभाग-चक्र के अनुसार निर्धारित पाठ्यक्रम
पूरा कराया जाना होगा और छात्रों की 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य रूप से लागू करने की बात की गई है। जिससे
छात्र अधिक से अधिक शिक्षक से जुडक़र अपने व्यक्तित्व के विकास में सहभागी बन सकें और शिक्षण का सतत
लाभ प्राप्त कर सकें। नवीन सत्र में छात्रों के लिए विश्वविद्यालय ने कई नवाचारों की शुरुआत की है। नवाचारों से
छात्रों के लिए जीवन को बदलने और जीवन का निर्माण करने की ऊर्जा और शक्ति मिलेगी। कुलपति ने कहा कि
विश्वविद्यालय छात्रों के भविष्य और उसके निर्माण को लेकर कृत संकल्पित है। संकल्प से सिद्धि की ओर ले जाने
में आप सभी का अथक प्रयास इसे उच्चता शिखर पर स्थापित करने का काम करेगा। इसलिए हम सब को मिल कर
इस ज्ञान यज्ञ में सहभागी होना होगा। सभी ने समर्थन के भाव से इसे स्वीकारा और विश्वविद्यालय के विकास का
संकल्प दोहराया।