शक्ति स्थलों में चैत्र नवरात्रि की तैयारियां शुरू

(अनिल तिवारी)

शहडोल। शक्ति उपासना का पर्व चैत्र नवरात्रि एक सप्ताह में शुरू होने वाला है। इसके लिए शक्ति स्थलों व प्रमुख
देवी मंदिरों में पूजा अर्चना की तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं। मंदिरों की सफाई व साज सज्जा का कार्य जोरों पर चल
रहा है। ज्ञातव्य है कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी नगर के प्रमुख विराटेश्वरी दुर्गा माता मंदिर सहित मांता कंकाली,
बूढ़ी माता और पुलिस लाइन स्थित मां शारदा मंदिरों में पर्व शुरू होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। अपनी आभा
और महात्म्य के लिए प्रसिद्ध माता कंकाली मंदिर में हवन पूजन व पाठ इत्यादि के लिए विशेष तैयारियां की जा रही
हैं। इसी तरह विराटेश्वरी मंदिर में भी जल ढारने की व्यवस्था, पूजा अर्चना व कथा आदि की व्यवस्था बनाई जा रही
है। यहां सुबह चार बजे से जल ढारने महिलाओं की कतार लगती है। मंदिर ट्रस्ट को जल ढारने की व्यवस्था करनी
पड़ती है। अंदर की पूजा के लिए भी तैयारी की जा रहीं है।
मां विरासनी मंदिर में भव्य तैयारी
बिरसिंहपुर पाली स्थित मां विरासनी मंदिर में नवरात्रि की जोरदार तैयारियां चल रहीं हैं। पर्व पर हजारों की भीड़ यहां
रोजाना सुबह से लेकर देर शाम तक माता के दर्शनों के लिए पहुंचती है। कलश स्थापना, जवारा और दीप प्रज्वलन
आदि की विशेष व्यवस्थाएं की जा रहीं हैं। यहां श्रद्धालु अपने दीप जलाते हैं और जवारे में सहयोग प्रदान करते हैं। नौ
दिनों तक माता के विविध रूपों का श्रंगार कर आरती व पूजन किया जाता है। ज्ञातव्य है कि माता का यह धाम पूरे देश
में प्रसिद्ध है जहां देश के कोने कोने से श्रद्धालु यहां माता के दर्शन करने आते हैं और उन्हे चुनरी प्रसाद इत्यादि
चढ़ाते हैं। इसके अलावा यहां नौ दिनों तक निरंतर बच्चों के मुण्डन, कर्णछेदन आदि के संस्कार किये जाते हैं। इसकी
भी व्यवस्था करनी पड़ती है। मंदिर के आस पास श्रद्धालुओ का मेंला लगा रहता है। इसी तरह भठिया स्थित माता
सिंहवाहनी मंदिर में भी तैयारी चल रही है। मां दुर्गा का यह भी एक शक्ति स्थल है माना जाता है। पर्व पर यहां भी
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
विविध स्वरूपों की होगी पूजा
पुजारियों द्वारा बताया गया कि विशेष शक्ति स्थलों में माता रानी के नौ स्वरूपों के अनुरूप हर दिन नए श्रंगार किए
जाएंगे और उनके उस रूप के अनुरूप पूजा अर्चना व आरती की जाएगी। माता के इन स्वरूपों का दर्शन पाने श्रद्धालु

दूर दूर से पहुंचते हैं, उसी अनुरूप इस वर्ष भी तैयारी की जा रही है। इसके अलावा माता रानी का आशीर्वाद पाने निरंतर
भक्त मंडली द्वारा भगत गायन किया जाता है। ड््योढ़ी में माता की महिमा और उनकी दानव दमन विकरालता का
बखान करने वाले भगत निरंतर गाए जाते हैं। उसकी बैठक व्यवस्था की जा रही है। कई श्रद्धालुओं द्वारा कथा व
पाठ आदि कराए जाते हैं, निरंतर भण्डारा और कन्या पूजा भी होती है इन सबके लिए मंदिर ट्रस्ट को कई दिनों पहले
से तैयारियां करनी पड़ती है। जेा कि इस वर्ष भी शुरू कर दी गई है।
परिसरों के आसपास सफाई
बड़े और खास मंदिरों के आसपास नगरीय निकायों द्वारा काम शुरू करा दिया गया है। जहां परिसरों के आसपास
जगह खाली कराई जा रही है और घासफूस व गंदगी हटा कर कीटनाशक का छिडक़ाव कराया जा रहा है। मंदिरों से दूर
पार्किंग के लिए स्थल निर्धारित किए जा रहे हैं। मंदिरों के निकट मार्गों में वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा। मंदिरों में
पेयजल और प्रसाद आदि की विशेष व्यवस्था रहेगी। अष्टमी के दिन विराटेश्वरी मंदिर में अठवाइन प्रसाद चढ़ाया
जाएगा।

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