माँ नर्मदा दर्शन व बाबा सीताराम से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री

माँ नर्मदा दर्शन व बाबा सीताराम से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री

पेंड्रा में यज्ञकुण्ड में एक आहुति के तुल्य है यह हस्ताक्षर समझौता ज्ञापन

 

 छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल माँ नर्मदा के दर्शन व गुरूजी सीताराम बाबा से मिलने अमरकंटक पहुंचे, आईजीएनटीयू में आगमन हुआ, जहां पुष्पराजगढ विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को, कांग्रेस प्रदेश सचिव श्रीधर शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष राघवेन्द्र पटेल, जनपद अध्यक्ष राजीव ङ्क्षसह, महामंत्री राजूराम पटेल सहित दर्जनों पदाधिकारियों ने स्वागत किया।

अनूपपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पेंड्रा से कार्यक्रम करने के बाद अमरकंटक माँ नर्मदा के दर्शन व अपने गुरूजी सीताराम बाबा से मिलने पहुंचे, जहां उन्होने आईजीएनटीयू हेलीपैड में स्वागत के लिए पहुंचे कार्यकर्ताओं से रूबरू होने के बाद आगे बढे। नगरीय निकाय चुनाव के मद्देनजर व आदर्श आचरण संहिता लागू होने के कारण अमरकंटक में किसी भी कार्यकर्ता व पदाधिकारियों से मुलाकता नही की। महज आश्रम व मंदिर प्रांगण में पहुंच कर दर्शन किये और बाई रोड वापस छत्तीसगढ चले गये।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के आजीविका व्यापार प्रशिक्षण केंद्र एवं छत्तीसगढ़ शासन के बीच नवसृजित गौरेला-पेंड्रा मरवाही जिला के निवासियों के कौशल प्रशिक्षण तकनीक उन्नयन तथा व्यापार उन्नति हेतु एक हस्ताक्षर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव तथा छत्तीसगढ़ शासन की ओर से जिलाधिकारी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।

बढ़ेंगी उन्नयन की गतिविधियां

छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस समझौता ज्ञापन को क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया जिससे कौशल विकास द्वारा रोजगार के पर्याप्त अवसर सृजित होंगे। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि इस समझौता ज्ञापन से न सिर्फ विश्वविद्यालय के हित में कार्य होगा बल्कि यहां के स्थानीय युवाओं और जनजातीय क्षेत्रों के उन्नयन की गतिविधियां बढ़ेंगी। इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन पूरा सहयोग करेगा।

प्रक्रिया को मिलेगी गति

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रो. प्रकाश मणि त्रिपाठी ने इस हस्ताक्षर समझौता ज्ञापन को मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा यह क्षेत्र दुर्लभ औषधीय वनस्पतियों की विविध प्रजातियों से भरा हुआ है। इस अंचल के निवासी पेड-पौधे और दुर्लभ जीव-जंतुओं एवं औषधियों के जानकार हैं। उनका विश्वविद्यालय के साथ संपर्क संवाद होने से न सिर्फ इस क्षेत्र का विकास होगा बल्कि पूरी मानव जाति का कल्याण होगा। यह समझौता ज्ञापन मानव कल्याण रूपी यज्ञकुण्ड में विशिष्ट आहुति तुल्य है। इससे कौशल विकास एवं नवाचार की प्रक्रिया को गति मिलेगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के आजीविका व्यापार प्रशिक्षण केंद्र के समन्वयक प्रो. आशीष माथुर द्वारा इस हस्ताक्षर समझौता ज्ञापन को इस क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगारोन्मुखी शिक्षा तथा व्यापार कौशल, स्थानीय उत्पादों के प्रमाणीकरण एवं विपणन के क्षेत्र में उठाया गया एक बड़ा कदम बताया।

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