नये जिलाध्यक्ष का स्वागत करने नहीं पहुंचे कांग्रेसी

नये जिलाध्यक्ष का स्वागत करने नहीं पहुंचे कांग्रेसी
जमीनी पदाधिकारियों को छोड़ अफसर को कांग्रेस ने बना दिया जिलाध्यक्ष
अनूपपुर। ऑल इण्डिया कांग्रेस कमेटी ने बीते दिनो पत्र जारी करते हुये मध्यप्रदेश के 64 जगहों पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों की घोषणा की थी, जिसमें जिला कांग्रेस कमेटी अनूपपुर के अध्यक्ष के रूप में रमेश सिंह का नाम संधारित किया गया था। वर्षो बाद कांग्रेस में हुये इस बदलाव को देखते हुये लोगों के मन में खुशी तो दौड़ गई थी, लेकिन जमीनी स्तर से पार्टी के प्रति कार्य करने वाले नेताओं में दु:खों का पहाड़ टूट चुका था। जबकि कांग्रेस के पास जिले भर में ऐसे चेहरे हैं जिनकों अध्यक्ष का कमान देकर पार्टी को सहेजा जा सकता था।
खाली कुर्सी बयां कर गई हकीकत
जिला कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष रमेश सिंह का प्रथम नगर आगमन 25 जनवरी 2023 को रेलवे स्टेशन अनूपपुर में हुआ, ठीक उसी समय पर भाजपा के खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह व कांग्रेस जिलाध्यक्ष रमेश सिंह का पहुंचना हुआ, जिसके बाद कुछ कांग्रेसी रमेश सिंह को छोड़ खाद्य मंत्री का ही स्वागत करने लगे। जिसके बाद रमेश सिंह के साथ दर्जनों कांग्रेस जन यात्रा निकालते हुये अण्डरब्रिज स्थित स्वागत कार्यक्रम स्थल पहुंचे। जहां व्यवस्थाएं तो भव्य आयोजन के लिये किया गया था, लेकिन सैकड़ो कांग्रेसी पहुंचे ही नहीं और कुर्सियां खाली की खाली पड़ी रहकर हकीकत बयां कर गई।
महज दो वर्ष का कार्यकाल
कांग्रेस पार्टी ने बड़े-बड़े बदलाव देखें हैं, उसके बाद भी अगर कोई नहीं बदला है तो पार्टी के कर्मठ, जुझारू व ईमानदार कार्यकर्ता। वर्षो से कांग्रेस को ही अपना सर्वस्य व सर्वोच्च देने वाले सैकड़ो पदाधिकारियोंं के सीने में आलाकमान ने खंजर घोपकर महज दो वर्ष पहले पार्टी से जुड़े रमेश सिंह को जिलाध्यक्ष बना दिया गया। गौरतलब हो कि संयुक्त कलेक्टर का पद छोडक़र कांग्रेस में आए रमेश सिंह को कांग्रेस ने जिला अध्यक्ष बनाया है। रमेश सिंह ने संयुक्त कलेक्टर का पद छोड़ कर 2020 में कांग्रेस ज्वाइन की थी। 2020 में हुए उपचुनाव में अनूपपुर विधानसभा से टिकट की मांग की थी, उन्हें टिकट नहीं मिला। जिसके बाद कांग्रेस का प्राथमिक सदस्य न होते हुये भी पार्टी ने इन्हें प्रदेश महामंत्री का दायित्व दिया था।
फिर एक जुट नहीं होगा कांग्रेस
जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व जिला अध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल लगभग 12 वर्षाे से ज्यादा समय तक पद में रहे, जिसके बाद पार्टी में विरोधाभास व गुटबाजी दिखने लगी थी, लोग बदलाव की मांग करने लगे थे, कांग्रेस पार्टी ने आनन-फानन में पुष्पराजगढ विधायक फुंदेलाल सिंह को जिलाध्यक्ष का अतिरिक्त कमान दे दिया था, उसके बाद भी गुटबाजी कम तो नहीं हुई थी, बल्कि आयोजन भी अलग-अलग ठिकानों पर बिना जिलाध्यक्ष के अनुमति के होने लगे थे, बात जब ऊपर पहुंची तो ऊपर वालो ने एक नये चेहरे के रूप में रमेश सिंह को जिलाध्यक्ष बना दिया, जिसके बाद कांग्रेसियों ने खुलकर विरोध तो नहीं किया, लेकिन प्रथम नगर आगमन के स्वागत पर न पहुंचकर अपने मन की बात को सबके सामने प्रस्तुत कर दिया।