लोक सेवकों के हित में ‘अज्जाक्स’ का प्रदर्शन

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लोक सेवकों के हित में ‘अज्जाक्स‘ का प्रदर्शन
मुख्यमंत्री के नाम 25 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे अधिकारी-कर्मचारी
म.प्र. अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ ने निकाली रैली
अज्जाक्स संघ ने लोकसेवकों के हित में 29 जनवरी को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। अधिकारी-कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय व समय पर मिलने वाले लाभ से वंचित हुए अनूसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्गो के लिए 25 सूत्रीय मांगों को लेकर रैली निकाली। मुख्यमंत्री के नाम द्वारा कलेक्टर सौपे गये ज्ञापन को नायब तहसीलदार ने लिया।
अनूपपुर। म.प्र. अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ (अज्जाक्स) ने अपने 25 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली। उन्होने वर्षो से लंबित व पीडितों के प्रति कई समस्याओं को ज्ञापन में उल्लेख करते हुए निराकरण की मांग की है। संघ ने ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि अनूसूचित जाति- जनजाति वर्ग के कल्याण हेतु विशेष घटक योजनाओं में प्रावधानित बजट की राशि को हितग्राही मूलक मदर में ही व्यय किया जाये, इतना ही नही आरक्षण अनुसार नियमितीकरण तथा निजी क्षेत्र में भी आरक्षण को लागू करने की मांग की है। ज्ञापन के दौरान अज्जाक्स के जिलाध्यक्ष डी.आर. बांधव, कार्यवाहक अध्यक्ष रमेश कुमार सिंह मरावी, संरक्षण डी.एस. राव, उपाध्यक्ष एन.एन. मार्गो सहित सैकडों लोग मौजूद रहे।
25 सूत्रीय मांग का सौपा ज्ञापन
अज्जाक्स की प्रमुख मांगों में मध्यप्रदेश के स्पेशल कौंसिल एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता मनोज गोरकेला द्वारा बनाये गये नवीन पदोन्नति नियम को शीघ्र लागू किये जाने की मांग की है। शासन के अधीनस्थ विभिन्न विभागों में अनूसूचित जाति- जनजाति एवं अन्य पिछडे वर्गो के रिक्त बैकलॉक के पदो की पूति की जाये। अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति समय पर दी जाये, देश के लोकसेवकों के हितों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था शोध लागू की जाये। आरक्षण अनुसार पी.एस.सी. पास अतिथि विद्वानों का शीघ्र नियमितीकरण किया जाये। अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के कल्याण हेतु विशेष घटक योजनाओं में प्रावधानित बजट की शत-प्रतिशत राशि को हितग्राही मूलक मद में ही व्यय किया जाये। चिकित्सा शिक्षा विभाग में चिकित्सा महाविद्यालयों का स्वशासीकरण कर एक विषयवार एवं कालेजवार एकल पोस्ट कर पद समाप्त कर दिये गये है, इसलिए इनमें रोस्टर प्रणाली लागू कर इनका रोस्टर राज्य स्तर पर बनाया जाकर भर्ती की जाये।
रिक्त पर पर नियमित पद की मांग

निजी क्षेत्र में हो आरक्षण लागू
अज्जाक्स संघ ने लोगों के हितों को देखते हुए निजी क्षेत्र के उपक्रमों में कार्य करने वालों के लिए आरक्षण लागू करने की मांग की है। भूमि सुधार अधिनियम लागू करते हुए जनसंख्या के आधार पर भूमि का आवंटन किया जाकर भागीदारी दी जाये। विसिल जजो की भर्ती में 40 का इंटरव्यू रखकर इंटरव्यू में पास होना अनिवार्य कर दिया गया है, जिसके कारण इंटरव्यू में भेदभाव हो रहा है। अत: यह प्रथा बंद करने हुए लिखित परीक्षाण को मान्य किया जाये। जिला न्यायलयों में शासकीय अधिवक्ताओं एवं नोटरी की नियुक्तियों में आरक्षण लागू किया जाये। दिनांक 01.07.2018 को अध्यापक संवर्ग से नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त कर्मचारियों को सेवा अवधि की गणना में दिनांक से मान्य किया जाये। विद्युत वितरण कंपनी में मुख्य अभियंता को नियमित पदस्थापना के विरुद्ध कनिष्ठ कार्यपालन यंत्री की पदस्थापना को निरस्त कर नियमित मुख्य अभियंता पदस्थापना की आए एवं भेदभाव की अनियमित आदेश करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाये। नगरपालिका, नगर निगम, नगर पंचायतों में सफाई का कार्य ठेका पद्धति से बंद कर संविदा नियमित नियुक्ति किया जाकर पूर्व से कार्यरत सफाई कर्मियों को नियमित किया जाये। म.प्र. लोकसेवा आयोग द्वारा जारी परीक्षा परिणाम दिनांक 6 दिसंबर 2022 में प्रदत्त साक्षात्कार अंको की जांच करवाते हुए लोकसेवा आयोग, व्यापम विभागीय परीक्षाओं सहित सभी चयन परीक्षाओं में साक्षात्कार की प्रक्रिया को समाप्त किया जाये।
संविधान की अवमानना पर हो मुकदमे
संविधान में निहित प्रावधानों के विरुद्ध बयान देने वालों, संविधान की अवमानना करने वालों तथा संविधान विरोधी प्रदर्शन करने वालों पर देशद्रोह के मुकदमे दर्ज किये जाये एवं जिस प्रकार अन्य अपराधियों की संपत्ति ध्वस्त की जाती है उसी प्रकार संविधान का विरोध करने वाले लोगों की संपति को भी ध्वस्त किया जाये। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति अनुसूचित युवा संघ (नाजी) के युवाओं पर दर्ज प्रकरण को वापस लिया जाये। शासकीय अनुदान प्राप्त मंदिरों, पूजा स्थलों में जहां अनुरक्षण, संधारण एवं निर्माण कार्यो पर शासन का पैसा खर्च होता है वहां पर कर जनसंख्या के आधार पर अनुसूचित जाति अनुसूचित जाति एवं अन्य वर्ग के पुजारियों की नियुक्ति की जाकर भागीदारी दी जाये। अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के आवेदन को ही एफ. आई. आर. माने जावे एवं तत्परतापूर्वक समुचित कारवाई न करनेवाले थाना प्रभारी पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की जाये, जिससे कि प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रति अत्याचारों में लगातार होने वाले वृद्धि को रोका जा सके। आंगनबाडी कार्यकर्ता व सहायिकाओं का मानदेय आगे बढाया जाये।