कोतमा से डीपीसी ने किया विधायकी का दावा

सरकारी सेवा के साथ एक साल से कर रहे तैयारी

उच्च न्यायालय के द्वारा डीपीसी मदन त्रिपाठी की याचिका खारिज करने और समाचार प्रकाशन के बाद डीपीसी ने इसे सोची-समझी रणनीति बताया साथ ही प्रेस नोट में यह भी बताया गया कि वे भले ही एक साल से शहडोल में लोकसेवक हैं, सरकारी वेतन ले रहे हैं, लेकिन समय निकालकर कोतमा में विधायकी की बिसात भी बिछाते रहे हैं।

शहडोल। 12 अप्रैल 2018 को अपने खिलाफ हुई कार्यवाही से बचने के लिए शहडोल डीपीसी मदन त्रिपाठी ने माननीय उच्च न्यायालय की शरण ली थी, न्यायालय से इन्हें स्थगन भी मिला, इसी स्थगन के बदौलत बीते लगभग 5 वर्षाे तक वे डीपीसी भी बने रहे, लेकिन जब माननीय न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए याचिका खारिज कर स्टे डिस्पोज कर दिया तो, श्री त्रिपाठी ने इसे अपने हित में फैसला बताया और जारी प्रेस नोट में जो बयान उन्होंने मीडिया से साझा किया है, उससे यही समझा जा सकता है कि उच्च न्यायालय भी श्री त्रिपाठी के मंशानुरूप फैसले सुनाता है। इसके पीछे मदन त्रिपाठी की क्या रणनीति रही है, यह तो वहीं जाने, लेकिन संभाग की इकलौती सामान्य सीट कोतमा के लिए इनसे ज्यादा समझदार और उच्च न्यायालय तक के फैसले तक को अपने पक्ष और विपक्ष में करने का हुनर शायद ही कोतमा सीट से विधानसभा की दौड़ में लगे किसी नेता के पास होगा।

प्रकाशन के बाद बताया भ्रामक

शनिवार को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर से आये फैसले का प्रकाशन जब समाचार पत्रों में सामने आया तो, श्री त्रिपाठी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भ्रामक समाचार की संज्ञा दे दी, कोतमा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में यह चर्चा चरम पर है कि यदि व्हीआरएस लेकर श्री त्रिपाठी क्षेत्र की सेवा करना चाहते थे और उनकी सोची-समझी रणनीति के तहत माननीय उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज की है, ऐसी स्थिति में उन्हें समाचार पत्र में खबर के प्रकाशन और माननीय उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार नहीं करना चाहिए था, उच्च न्यायालय के द्वारा याचिका खारिज करने और उन्हें डीपीसी के पद से हटाने का रास्ता साफ होने पहले ही प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी साझा करनी चाहिए। जनता के समझ में यह भी नहीं आ रहा कि प्रकाशित समाचार भ्रामक है या फिर लोकसेवक बनाम नेता की विज्ञप्ति भ्रामक है।

…तो भाजपा से मदन की टिकट तय

संभाग की एक मात्र सामान्य विधानसभा सीट कोतमा से जिस तैयारी के साथ डीपीसी मदन त्रिपाठी ने शासकीय नौकरी छोडऩे का दावा कर विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है, शनिवार को जारी प्रेस नोट में उन्होंने बीते कई वर्षाे से कोतमा क्षेत्र में चुनाव तैयारी के लिए भण्डारे, खेल प्रतियोगिता, बुजुर्गाे का सम्मान जैसे दर्जनों कार्यक्रम आयोजित किये हैं, कोतमा क्षेत्र में भाजपा की ओर से टिकट की दावेदारी कर रहे, दिलीप जायसवाल, बृजेश गौतम, लवकुश शुक्ला, अजय शुक्ला, मनोज द्विवेदी, हनुमान गर्ग, रामनरेश गर्ग, दीपक रामाश्रय मिश्रा, महेन्द्र गोयनका, जैसे दर्जन भर नेताओं को अब कोतमा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट का मोह छोड़ देना चाहिए।

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