बिना कारण नौकरी से निकाला गया कर्मचारी

                              पीडि़त ने कलेक्टर से लगाई मदद की गुहार

धनपुरी। सच्चाई की राह पर चलने वाले लोगों के सामने तरह-तरह की कठिनाई आती है, भ्रष्टाचार में सर से लेकर
पांव तक डूबे हुए लोग सच का सामना करते ही तिलमिला उठते हैं और फिर इस तिलमिलाहट में ऐसे कदम उठा लेते
हैं जिसकी वजह से पूरी-पूरी पार्टी की साख पर बट्टा लगता है, एक पुरानी कहावत है गेहूं के साथ घुन भी पिस जाता
है। आरटीआई एक्टिविस्ट अशोक चतुर्वेदी ने कालरी प्रबंधन से आरटीआई के माध्यम से कुछ जानकारी मांगी थी
जिसके बाद प्रबंधन ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी धनपुरी के नाम नोटिस जारी किया था, इस नोटिस के साइड
इफेक्ट हुए थे और आरटीआई एक्टिविस्ट के भाई दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी राजेंद्र चतुर्वेदी को अपनी नौकरी से
हाथ धोना पड़ा था, अब राजेंद्र चतुर्वेदी ने पत्र लिखकर कलेक्टर, मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, कमिश्नर, नगरी प्रशासन मंत्री
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा जिला अध्यक्ष जैतपुर, विधानसभा क्षेत्र की विधायक और सांसद से मद्द की गुहार
लगाई है।
राजेंद्र चतुर्वेदी ने पत्र में अपनी व्यथा बताते हुए लिखा है कि प्रार्थी राजेंद्र कुमार चतुर्वेदी पिता सुरेश प्रसाद चतुर्वेदी
नगर पालिका परिषद धनपुरी में लगभग 3 वर्ष से निरंतर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में अपनी सेवा देकर
अपने कार्य के प्रति पूर्ण समर्पण भाव से कार्य कर रहा था, दिनांक 20 जुलाई को अचानक मुझे परेशान किया जाने
लगा, 27 जुलाई को जब मैंने संबंधित अधिकारी से कारण जानना चाहा, तब मुझे कहा गया कि मुख्य नगरपालिका
अधिकारी से मिलो, 27 जुलाई को जब मैं मुख्य नगरपालिका अधिकारी के पास पहुंचा तो उन्होंने मुझसे पूछा अशोक
चतुर्वेदी कौन है, मेरे द्वारा बताया गया कि मेरे बड़े भाई हैं जो लगभग 10 वर्षों से हमसे अलग रहते हैं, उन्होंने मुझसे
कहा अशोक चतुर्वेदी द्वारा एसईसीएल सोहागपुर में आरटीआई लगाई गई है, बोलकर वापस कराओ और जाकर
नगर पालिका अध्यक्ष से मिलो और तुम्हारी अभी ड्यूटी बंद कर दी गई है, जब मैं तुरंत अध्यक्ष से मिलने उनके
निवास पहुंचा तो अध्यक्ष पति के द्वारा मुझसे बोला गया जाकर भाई को समझाओ, वर्ना नौकरी से बाहर ही रहोगे,
मैंने अपने भाई से बात की तो उन्होंने कहा कोई भी आरटीआई नगर पालिका धनपुरी के खिलाफ नहीं लगाई गई है,
मेरे पिता पूर्व में जिला भाजपा अध्यक्ष का चुनाव नगर पालिका अध्यक्ष के पति के खिलाफ लड़े थे, जिस कारण कुछ
राजनीतिक मतभेद हुए थे जिस कारण से मेरे परिवार से दूरियां बनाकर रखते हैं, मुझे अकारण नौकरी से निकाल
दिया गया है और दबाव बनाया जा रहा है, मैं कई बार निवेदन कर चुका हूं लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा प्रार्थी
ने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से नौकरी दिलाने की अपील की है।

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