कोरोना पॉजिटिव आने के बाद भी पूरी अस्पताल नहीं की सील @ खतरे में शहर की जनता..!!

शहडोल ।14 अगस्त को मुख्यालय स्थित श्रीराम चिकित्सालय में इलाज के लिए भर्ती की गई एक महिला की तबीयत में सुधार ना होने पर उसके कोरोना सैंपल की जांच कराई गई थी, जिसके बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई यह खबर जिला प्रशासन और चिकित्सा महकमे तक पहुंची, जिसके बाद श्री राम चिकित्सालय का एक फ्लोर बंद करा दिया
गया।
सवाल यह उठता है कि जब कोरोना पॉजिटिव वृद्ध महिला के परिजन उसे यहां लेकर आए थे, तो क्या वे सीधे दूसरे फ्लोर पर पहुंच गए थे, अस्पताल में प्रवेश करने से लेकर एंट्री और उसे उसे वार्ड तक ले जाने के लिए पूरे परिसर में उसके परिजन तथा यहां पदस्थ कर्मचारियों ने उसके साथ उसके संपर्क में आए थे, लेकिन महिला की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद जिला प्रशासन द्वारा सिर्फ एक फ्लोर को सील करना कहीं ना कहीं वहां भर्ती मरीजों उसके परिजनों और वर्तमान में वहां पहुंच रहे अन्य मरीजों तथा अन्य लोगों को कोरोना संक्रमण की ओर धकेलने का संकेत है।
इस संदर्भ में जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर राजेश पांडे से संपर्क साधने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया, वैसे भी अभी से कुछ घंटे पहले मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित पहले मरीज की मौत का मामला आया है, वही बुरी खबर यह भी है कि लगभग 10 मरीज ऐसे भी हैं, जिनकी हालत गंभीर होने के कारण उन्हें मेडिकल कॉलेज में आईसीयू में भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है, बीते एक पखवाड़े से जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, पुलिस विभाग के तीन दर्जन अधिकारी कर्मचारी और उनके परिजन को रोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं,खुद अनुविभागीय अधिकारी तथा अन्य विभागों के अधिकारी भी संक्रमण से बच नहीं पा रहे हैं,ऐसी परिस्थितियों में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा श्री राम अस्पताल को पूरी तरह से लगभग 3 दिनों तक सील न करना समझ से परे है।
इस संबंध में जब हमने श्री राम चिकित्सालय के प्रबंधन से बात करने का प्रयास किया तो यह बात सामने आई कि उसे श्री राम अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया था और उसकी तबीयत ठीक ना होने के बाद उसे यहां से जबलपुर जाने की सलाह दी थी, लेकिन वह जब मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो वह संक्रमित पाए गए, प्रबंधन ने यह भी बताया कि उस क्षेत्र को हमने प्रतिबंधित कर दिया है।