मानवीय भूल से हुई अस्थियों की अदला-बदली से मचा हड़कंप , परिजन हुए परेशान, खेदजनक
मानवीय भूल से हुई अस्थियों की अदला-बदली से मचा हड़कंप , परिजन हुए परेशान, खेदजनक
कटनी ॥ नदीपार मुक्तिधाम में अस्थियों की अदला-बदली हो गई। एक परिवार के सदस्य जब शनिवार सुबह अस्थियां लेने पहुंचे, तो उन्हें दाह संस्कार की जगह अस्थियां नहीं मिलीं। पड़ताल करने के बाद पूछने पर पता चला कि उक्त अस्थियां तो कटनी जिला अस्पताल निवासी में निवासी दूसरा परिवार ले गया। बाद में अस्थियां ले जाने वाले परिवार के लोगों को फोन लगाया, तो उन्होंने बताया कि पंडित से उन्होंने अस्थियां विसर्जित करवा रहे है । जिसके बाद अस्थियां कों वापस मंगाया गया वही इसी मामले में कुछ लोगों ने मुक्तिधाम में हंगामा किया और इस तरह की लापरवाही करने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की।
मुक्तिधाम में मौजूद विकास रजक ने बताया कि परिचित राजू यादव की मृत्यू के बाद 25 जनवरी को उनका अंतिम संस्कार मुक्तिधाम में किया गया था। परिजनों ने तय किया था कि 28 जनवरी को वे राख-फूल उठाएंगे। शनिवार को जब मुक्तिधाम पहुंचे तो मौके पर राख-फूल नहीं मिले। इसके बाद जानकारी ली गई तो सामने आया कि मादबेंद्र श्रीवास्तव नामक व्यक्ति गलती से अपने परिजन की बजाय हमारे राख-फूल ले गए हैं। जानकारी अनुसार मुक्तिघाम में दाह संस्कार के लिए अलग-अलग खंड बनाए गए हैं. राजू यादव का दाह संस्कार तीन नंबर खंड में किया गया था और मादबेंद्र श्रीवास्तव के परिजन का दाह संस्कार दो नंबर वाले खंड में किया गया था जब परिवार वालों ने पता किया तब मालूम पड़ा कि दो नंबर वाले खंड में जिनका दाह संस्कार किया गया था, उनकी अस्थियां अभी भी रखी है. उनके परिजन धोखे से तीन नंबर खंड की अस्थियां उठाकर जबलपुर नर्मदा जी में विसर्जन करने ले गए हैं. किसी तरह उनका संपर्क नंबर पता कर जानकारी ली गई तो वे नर्मदा नदी जबलपुर अस्थि विसर्जन के लिए पहुंच चुके थे। जिसके बाद उन्हें गलत अस्थियां ले जाने की जानकारी दी गई और वे जबलपुर से वापस मुक्तिधाम आए वही माना जा रहा है कि मानवीय भूल के कारण ऐसा हुआ, लेकिन यह खेदजनक है।