युवाओं के लिए खुशखबरी:-MPPSC सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी कर सकेंगे होनहार युवा तत्कालीन कलेक्टर विशेष गढ़पाले के प्रयास से शुरू की गई थी भारत निर्माण कोचिंग , युवाओं की मांग पर कलेक्टर अवि प्रसाद का प्रयास :-पुनः प्रारंभ होने जा रही है भारत निर्माण नि:शुल्क कोचिंग
युवाओं के लिए खुशखबरी:-MPPSC सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी कर सकेंगे होनहार युवा
तत्कालीन कलेक्टर विशेष गढ़पाले के प्रयास से शुरू की गई थी भारत निर्माण कोचिंग , युवाओं की मांग पर कलेक्टर अवि प्रसाद का प्रयास :-पुनः प्रारंभ होने जा रही है भारत निर्माण नि:शुल्क कोचिंग
कटनी। MPPSC हो या कोई अन्य प्रतियोगी परीक्षा…अब जिले के होनहार युवाओं को घबराने और भटकने की जरूरत नहीं…कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद के प्रयास से एक बार फिर कटनी में युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क तैयारी कराने शुरू होने जा रही है “भारत निर्माण कोचिंग” । उल्लेखनीय है कि पूर्व के कुछ वर्षों में करीब एक हजार से अधिक युवाओं को MPPSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार कर चुकी यह कोचिंग कोरोना काल के बाद से बंद पड़ी थी। जिसे पुनः प्रारंभ करने का बीड़ा उठाया है कलेक्टर श्री प्रसाद ने। जिला प्रशासन द्वारा तत्कालीन कलेक्टर विशेष गढ़पाले के प्रयास से भारत निर्माण कोचिंग जिले में प्रारंभ की गई थी। जो अपने शुरुआती दौर में ही काफी सफल रही। लेकिन कोरोना काल के बाद से ये बंद पड़ी हुई थी। जिसे पुन: प्रारंभ करने के लिए जिले के कई युवाओं और संचालक मंडल ने कलेक्टर श्री प्रसाद से मांग की। कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा इस पर गंभीरता से विचार कर इसे पुनः प्रारंभ करने की हरी झंडी दे दी गई। इस नि:शुल्क कोचिंग की रूपरेखा और संचालन की कार्ययोजना तय करने के लिए कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा एक विशेष बैठक ली गई। जिसमें इस कोचिंग के पूर्व में संचालन से जुड़े प्रमुख विवेक दुबे, बरही रेंजर डा. गौरव सक्सेना, प्राध्यापक शासकीय तिलक महाविद्यालय डा. चित्रा प्रभात, मोहन नागवानी और कंचन बनाफर मौजूद रहे। बैठक में इस कोचिंग के संचालन के संबंध में कलेक्टर श्री प्रसाद ने अपना मार्गदर्शन प्रदान किया। भारत निर्माण कोचिंग को पुनः प्रारंभ किए जाने की अनुमति देने और संचालन की रूपरेखा तय करने के बाद कलेक्टर श्री प्रसाद ने संचालन समिति को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि कोचिंग का युवाओं के बीच व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। जिससे बड़ी संख्या में प्रतिभावान युवा इसका लाभ उठा सकें।