महामहिम का विराटधरा पर आगमन गौरव का विषयः युमो अध्यक्ष

शहडोल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दौरे पर मध्यप्रदेश आ रही हैं. राष्ट्रपति बनने के वो पहली बार 15 नवंबर को मध्यप्रदेश आएंगी, मध्यप्रदेश में उनका 2 दिन का कार्यक्रम रहेगा। राष्ट्रपति शहडोल में जनजातीय गौरव दिवस में शिरकत करेंगी, युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष प्रियम त्रिपाठी ने कहा कि 15 नवंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली बार मध्य प्रदेश के दौरे पर आ रही है, महामहिम का मध्यप्रदेश के विराटधरा पर प्रथम आगमन हमारे लिए गौरव का विषय है, वो 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में शहडोल पधारेंगी, संपूर्ण प्रदेश उनका उद्बोधन सुनेगा। मध्यप्रदेश की धरती पर महामहिम राष्ट्रपति का स्वागत है। राष्ट्रपति जिले में आयोजित होने वाले जनजाति गौरव दिवस 2022 कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी, राज्य सरकार इसी दिन बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में पेसा एक्ट भी लागू करने जा रही है।
क्या होगा खास

जनजातीय गौरव दिवस से पेसा अधिनियम के अंतर्गत बनाए नियमों को लागू किया जाएगा। 89 आदिवासी विकासखंडों में ग्राम सभा को स्थानीय स्तर पर कई अधिकार मिलेंगे। भूमि अधिग्रहण के संबंध में भी ग्रामसभा से पहले अनुमति लेनी होगी। जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम प्रदेश की सभी पंचायतों में आयोजित किए जाएंगे। प्रभात फेरी निकालने से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।

संपूर्ण जनजातीय समाज का गौरव
भगवान बिरसा मुण्डा ने अपने 25 वर्ष के जीवन काल में ही जमींदारी प्रथा, राजस्व व्यवस्था इंडियन फारेस्ट एक्ट-1882 और धर्मातरण के खिलाफ अंग्रेजों एवं ईसाई पादरियों से संघर्ष किया। भगवान बिरसा मुण्डा जनजातियों की धार्मिक व्यवस्था, संस्कृति, परम्परा, अस्तित्व एवं अस्मिता रक्षक के प्रतीक हैं। वे संपूर्ण जनजातीय समाज का गौरव है। भारत सरकार ने बिरसा मुण्डा जयंती 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। जनजातीय गौरव दिवस मनाना जनजातीय समाज का ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण सनातन समाज का एकात्म भाव है।
कार्यकर्ता स्वागत के लिए आतुर
युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष श्री त्रिपाठी ने कहा कि जिले के प्रत्येक कार्यकर्ता माननीय राष्ट्रपति महोदय का पलक पावडे बिछा कर स्वागत करने के लिए आतुर हैं। भारतीय जनता पार्टी की सरकार आदिवासी जनजाति दलित अल्पसंख्यक सभी वर्गों के उत्थान के लिए कृत संकल्पित है। जनजाति गौरव दिवस अपने आप में अद्वितीय और अनूठा दिवस शहडोल संभाग के इतिहास के लिए सिद्ध होगा।

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