मिल में हादसा: एक की मौत, हो-हल्ले के बाद माने परिजन

पल्प का फायनल स्टोरेज टैंक फटा, रेस्क्यू में जुटा अमला
मृतक के परिजन को 17 लाख का मुआवजे सहित आश्रित को नौकरी
शहडोल। जिले के बकहो क्षेत्र में स्थित आदित्य बिड़ला ग्रुप की ओरिएंट पेपर मिल ओपीएम में बड़ा हादसा हो गया है।
बुधवार सुबह करीब 10 बजे प्लांट के भीतर पल्प टैंक फट गया, जिसमें एक मजदूर रविंद्र त्रिपाठी उम्र 50 वर्ष की मौत
हो गई। वह टंकी के नीचे पल्प में दब गया था। दो अन्य घायल हो गये, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। 11
मजदूरों पर खौलते पल्प के छींटे आए थे, सभी का प्राथमिक उपचार कर घर भेज दिया गया है। मृतक के परिजन 20
लाख मुआवजा और एक सदस्य के लिए परमानेंट नौकरी की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे। उन्होंने शव लेने से
इनकार करते हुए इसे मिल के गेट पर रख दिया था। 5 घंटे तक प्रदर्शन चलता रहा।
प्रबंधन-परिजनों के बीच हुआ समझौता
ओपीएम प्रबंधन ने जब मृतक के परिजनों को अंतिम संस्कार हेतु 15 हजार रूपये ईएसआई द्वारा नगद, कंपनी
समझौता के अंतर्गत 1 मुश्त 5 लाख रूपये में से 2 लाख का तत्काल चेक, शेष मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करने पर,
भविष्य निधि से ढ़ाई लाख रूपये के अलावा मासिक भविष्य निधि पेंशन 2 हजार रूपये मासिक एवं 25 वर्ष से कम
आश्रित बच्चे को 500 रूपये प्रतिमाह के अलावा मासिक ईएसआई पेंशन 14 हजार रूपये मासिक के साथ ही
अतिरिक्त एक मुश्त राशि 6 लाख 50 हजार, ग्रेजुएटी भुगतान डेढ़ लाख रूपये और मृतक के एक आश्रित को योग्यता
अनुसार रोजगार भी दिया जायेगा। मिल के प्रबंधक आलोक कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार वैश्य,
एडीएम, एसडीएम सोहागपुर प्रगति वर्मा के साथ ही बुढ़ार, धनपुरी से संजय जायसवाल, अमलाई के थाना प्रभारी
जे.पी. शर्मा, अनूपपुर तहसीलदार, कांग्रेस व भाजपा के नेता आदि मौजूद रहे।
पल्प में दबने से मौत
ओरिएंट पेपर मिल ओपीएम के पल्प टैंक में पानी के साथ केमिकल और लकड़ी का बुरादा समेत अन्य पदार्थ होते हैं।
इसमें लकड़ी को सड़ाया जाता है। इसी प्रक्रिया के दौरान टैंक में धमाका हुआ। इसके बाद पूरा पल्प बाहर आकर बहने
लगा। हादसे के दौरान करीब 50 मजदूर काम कर रहे थे। ठेका मजदूर रविंद्र त्रिपाठी की टैंक से निकले पल्प के नीचे
दबने से मौत हो गई। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की गाडिय़ों समेत अमलाई पुलिस मौके पर पहुंची और बचाव
कार्य शुरू किया।
मैनेजर के चैंबर में किया हंगामा
मृतक मजदूर के स्वजन ने शव को मिल के गेट पर रखकर विरोध जताया। मृतक के स्वजन ने 20 लाख रुपये के
मुआवजा और स्वजन के लिए स्थाई नौकरी की मांग को लेकर हंगामा किया। मुआवजे को लेकर बात नहीं बनने पर
कंपनी के एचआर डिपार्टमेंट के मैनेजर आलोक श्रीवास्तव के चैंबर में भी हंगामा किया। प्रशासन ने समझा-बुझाकर
समझौता कराया। कंपनी के अधिकारियों ने 15 लाख 65 हजार रुपये का मुआवजा और मृतक के परिवार के एक
सदस्य को अस्थायी नौकरी देने की बात कही है।
बीते माह मिला था शर्मा फैब्री कैट को काम
ठीक एक माह पहले ही शर्मा फैब्री कैट एण्ड इंजीनियर्स को पल्प टैंक के फायनल स्टोरेज को अपग्रेड करने का काम
दिया गया था, ओरिएंट मिल के वाइस प्रेसीडेंट दीपक पाण्डेय भी इस घटना से सवालों के घेरे में आये, उन पर आरोप
लगे कि अमलाई स्थित मिल में स्थानांतरित होकर आने के बाद से ही उन्होंने पूर्व से काम कर रहे ठेकेदारों को किनारे
करना शुरू किया और चहेते ठेकेदारों को साझेदारी या मोटी कमीशन के फेर मेंं यहां बुलाना शुरू किया, इस संदर्भ में
दीपक पाण्डेय ने बताया कि शर्मा फैब्री केट प्रतिष्ठित फर्म है और पूर्व में इस तरह का काम भी यहां नहीं था, स्थानीय
लोगों की इतनी योग्यता व क्षमता नहीं है, उक्त फर्म ने देश के तमाम हिस्सों के साथ विदेशों में भी काम कर रही है,
कमीशन या साझेदारी के आरोप गलत हैं। बीते 20 दिन से सटडाउन था, अपग्रेड किया जा रहा था, 15 से 20 वर्षाे के
लिए और अच्छा कर दिया जाये, ऐसी सोच थी, टैंक को चेंज नहीं किया जा सकता था, 20 दिनों से लग रहा था, यहां से
सुरक्षित निकल जाये, गुरूवार काम पुरानी तर्ज पर से शुरू होना था, पल्प मशीनों को दिया जाना था, 8 जुलाई को
शर्मा फैब्री कैट एण्ड इंजीनियर्स वाले यहां आ गये थे, लेबर नहीं है, इसके चलते शटडाउन लिया और स्किलफुल लोगों
को लेकर काम कराया गया, रिकवरी वॉयलर का काम भी शर्मा फैब्री कैट एण्ड इंजीनियर्स ने किया है, स्टोरेज टैंक में
ब्लीच होने के बाद पल्प स्टोर होता है, 60 डिग्री टमप्रेचर होता है, ऊपर का हिस्सा खुल गया था, इस वजह से यह
हादसा हुआ है।