रेरा एक्ट का उल्लंघन कर राजा दलाल ने बेच दी करोडों की भूमि

रेरा एक्ट का उल्लंघन कर राजा दलाल ने बेच दी करोडों की भूमि

एक हजार के स्टांप में भूमि विक्रय इकरारनामा लिखाकर टुकडों में बेच दी जमीन

नियम विरूद्व भूमि विक्रय से शासन को हुआ लगभग 29 लाख के राजस्व का नुकसान

जमीन दलाल राजा तिवारी ने भूमि विक्रय के सभी नियमों को तोडकर शासन को लगभग 29 लाख का चूना लगा दिया, विक्रय से पहले न तो रजिस्टर्ड एग्रीमेंट किया, न ही नगर एवं ग्राम निवेश से अनुमति ली और न ही डायवर्सन, नजूल अनापत्ति, विकास अनुज्ञा के साथ रेरा एक्ट का उल्लंघन कर शासन के राजस्व का नुकसान करते हुए लगभग 3 एकड भूमि एक हजार के स्टांप में भूमि विक्रय इकरारनामा अपने नाम कराकर खंड-खंड में किसी अन्य को बेंच दी।

अनूपपुर। जिला मुख्यालय में भाजपा नेता बनकर जमीन की दलाली करने वाला राजा तिवारी उत्तरप्रदेश के आजम खान की तरह आतंक मचाते हुए गरीबो के करोडों की भूमि को खुर्द-बुर्द कर दिया। नियम कानूनों को तोड कर जमीन का गंदा खेल शासन-प्रशासन की नाक के नीचे खेल रहा है और बचने के लिए भारतीय जनता पार्टी में पद, मंच, बैनर-पोस्टर तथा नेताओं का सहारा ले रहा है। नगरपालिका से लेकर पूरे राजस्व विभाग किनारे करते हुए बिना किसी भी तरह की अनुमति के करोडो की भूमि क्रय-विक्रय का कारोबार दशको से कर रहा है, राजा दलाल के इस कार्यप्रणाली से शासन को मिलने वाला राजस्व के रूप में लाखों रूपए उसके जेब में जा रहा है।

बिना शुल्क हो रहा कारोबार

भूमि विक्रय व कालोनी के रूप में विकसित करने के लिए कई तरह की अनुमति लेनी होती है, जिसका शुल्क शासन को देना पडता है, लेकिन जमीन दलाल राजा तिवारी ने किसी भी तरह की अनुमति न लेते हुए शासन को लाखो रूपए का चूना लगा दिया। जबकि क्रय-विक्रय के पूर्व एजेंट लायंसेस की आवश्यकता पडती है साथ ही रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करने के लिए शासन को 2.5 प्रतिशत स्टांप शुल्क राशि जमा किया जाता है, नगर एवं ग्राम निवेश की अनुमति और शुल्क देना होता है, भूमि का डायवर्सन तथा नूजन की अनुमति व शुल्क, विकास अनुज्ञा अनुमति व शुल्क, रेरा की अनुमति व शुल्क के साथ एलआईजी, ईडब्ल्यूएस (गरीब व कमजोर) वर्ग का हक मारकर वल्देव पाल की लगभग 2 एकड 95 डिसमिल भूमि (कुछ भाग को छोडकर) 20-25 लोगों के पक्ष में रजिस्ट्री करा दिया गया।

शासन को मिलता 29 लाख राजस्व

नगरपालिका अनूपपुर के वार्ड नंबर- 13 निवासी बाल्देव पाल को झांसे में लेकर उसके भूमि का एक हजार के स्टांप में भूमि विक्रय इकरारनामा करा लिया, जानकारी के अनुसार राजा दलाल अगर रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराता तो शासन को 3 एकड भूमि का 2.5 प्रतिशत स्टांप शुल्क के रूप में लगभग 45 हजार रूपए मिलता, इतना ही नही नगर एवं ग्राम निवेश का शुल्क लगभग 6 लाख मिलता, जमीन डायवर्सन तथा नजूल को 11 लाख रूपए शुल्क प्राप्त होता, एसडीएम कार्यालय से विकास अनुज्ञा अनुमति लेने पर 1 लाख 50 हजार रूपए शुल्क अदा करना होता वही रेरा कार्यालय में पंजीयन के तहत भूमि व भवन विक्रय शुल्क के रूप में 11 लाख रूपए प्राप्त होता, कुल मिलाकर लगभग 29 लाख शासन के खाते में जमा होता, लेकिन शासन को राजस्व के रूप में एक रूपए भी नही मिला।

गरीब व कमजोर वर्ग का मारा हक

रियल स्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) एक्ट के नियमों के तहत् गरीब व कमजोर वर्ग (एलआईजी, ईडब्ल्यूएस) के लिए 15 प्रतिशत भूमि व भवन रियायती दर पर देनी होती है, लेकिन फर्जी दलाल राजा तिवारी ने इस एक्ट का उल्लंघन करते हुए गरीब व कमजोर वर्गो का भी हक मार दिया। दशकों से जमीन दलाली का कारोबार करने वाला राजा तिवारी अब तक शासन का करोडो रूपए के राजस्व का नुकसान किया है। अपने इन कुकृत्यों को छिपाने के लिए कुछ वर्ष पहले भाजपा की शरण में जा पहुंचा, जहां जिले नेताओं और मंत्रियों का चरण वंदना के साथ उनकी खातिरदारी करने लगा, जिससे उसके इस अवैध कारोबार में सहयोग मिलता रहे और किसी भी तरह की कार्यवाही न हो।

बल्देव की शिकायत से खुला राज

नगरपालिका के वार्ड नंबर-13 निवासी बल्देव पाल पिता चिड्डा गडारी की भूमि खसरा नंबर 1694/3/क रकवा 1.022 हेक्टेयर तथा खसरा नंबर 1694/3/ख रकवा 0.160 हेक्टयर कुल 2 किता रकवा 1.182 भूमि का राजा तिवारी पिता सालिकराम तिवारी ने अपने नाम एक हजार के स्टांप में 22 मई 2021 को किये गये भूमि विक्रय इकरारनामा एक वर्ष के लिए था, लेकिन भूमि स्वामी को लालच देकर झांसे में रखते हुए तीन वर्षो तक जमीन बेचता रहा। जब कुछ भूमि शेष रह गई तो उसने 30 लाख रूपए भूमि स्वामी का रोक दिया, बार-बार मांगने पर राजा दलाल ने चालाकी करते हुए बिना पैसे वाले खाते का 5-5 लाख के तीन चेक दे दिये। यह मामला जब थाने पहुंचा तो इसकी सच्चाई साामने आई और राजा तिवारी ने कबूल किया कि उसने उक्त भूमि किसी अन्य के पक्ष में विक्रय कर दलाली की है। जिससे साफ होता है कि भाजपा का नगर मंडल उपाध्यक्ष बनकर सत्ता के साये में जमीन की दलाली करता आ रहा है।

इनका कहना है

अनुमति के लिए ग्राम पंचायत, नगरपालिका व एसडीएम कार्यालय से होता है, इन कार्यालयों में संपर्क कर लिया जा सकता है, कोई भी कार्य नियम के तहत् अनुमति लेकर ही करना चाहिए।

जी.एस. शर्मा, तहसीलदार अनूपपुर

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मेरे साथ राजा तिवारी ने छल किया है, मुझे धोखे में रखकर मेरी निजी भूमि सौदा किया, और अब न तो मेरी शेष भूमि बेच रहा है और न ही पैसे दे रहा है, मांगने पर भाजपा के नेताओं और मंत्रियों का नाम लेकर धमकी देता है, जिसके बाद मैने थाने में शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है।

बल्देव पाल, भूमि स्वामी

नगरपालिका वार्ड नंबर-13

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