हीरे की अंगूठी बर्थडे गिफ्ट में देने वाले मुन्ना भईया की दिलेरी को सलाम

शहडोल 24 फरवरी 2023 को माननीय न्यायालय से स्थगन निरस्त होने से मुन्ना भइया के टूटे तिलिस्म को पुनः जमाने के लिए भइया हृदय रोग से ग्रसित होने पर भी भोपाल में डेरा डाले हुए थे,थक हार कर भईया आधी रात घर लौट आए है, सूत्रों की माने तो इन्होंने एक ज्योतिषी से भी अपनी गृह दशा पर चर्चा की है। ज्योतिषी ने इन्हें भाइयों से दूरी ऑफिस से सतर्कता एवं
भाभी जी को हमेशा साथ में रखने की सलाह दी है इसलिए भइया भाभी जी के साथ मोपल में जमे रहे, कयास यह
लगाए जा रहे है कि भइया डी.ई.ओ बनने का प्रयास कर रहे हैं इसके लिए शहडोल और अनूपपुर दोनों विकल्प खुले रखे गये है। सूत्रों की माने तो खतरा सूंघने में माहिर इनके सलाहकार अरविंद पाण्डेय की सलाह पर खोज जारी है,वहीं इन्हे कंट्रोल में रखने के लिए एक टीम डी.ई.ओ 670 पेज की एक अत्यंत गोपनीय फाइल के साथ धनिया बोने की पूरी तैयारी से भोपाल
में डेरा डाले है।
गौरतलब है कि जिला पंचायत शहडोल के तीन सदस्यीय जांच दल की जांच में मदन त्रिपाठी को शासकीय अधिकारी (पदेन) का दुरूपयोग, शासकीय राशि के गबन का दोषी पाए जाने पर रिपोर्ट से सहमत होते हुए तत्कालीन सी.ई. ओ जिला पंचायत शहडोल श्री पार्थ जायसवाल ने 670 पेज की यह रिपोर्ट कमिश्नर शहडोल को भेजने हुए लेख किया था कि मदन त्रिपाठी जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र शहडोल का अपने पद पर बने
रहना उनकी स्वेच्छाचारिता अनियमितताओं एवं वित्तीय अनियमितताओं को बढ़ावा देने के समान है जो शासकीय
धन के दुरुपयोग को प्रोत्साहित करता है एवं जो प्रशासनिक एवं वित्तीय दृष्टिकोण से उचित नहीं है।
मदन त्रिपाठी जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र शहडोल को तत्काल प्रभाव से जिला परियोजना समन्वयक के पद से कार्यमुक्त किया जाना उचित होगा एवं इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही विभागीय जांच) किया जाना प्रस्तावित है। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
इस रिपोर्ट में दिसम्बर 19 से जून 20 के बीच 6 माह मे मुन्ना भइया द्वारा पन्द्रह करोड आठ लाख इकहत्तर हजार सात सौ इकहत्तर रूपयो का व्यय कर गंभीर वित्तीय अनियमितता की गई 6 माह में मुन्ना भइया द्वारा एक लाख तिरान्चे हजार का जलपान एवं खाना खाया गया वाहन क्षमता से अधिक 125 लीटर की डीजल पर्चिया काटी गई रू 6,07434 के 84 चेक बिना परीक्षण एवं नोटशीट के सीधे कलेक्टर से हस्ताक्षर कराए गए। रू 4,48,480/- की गाडियों की सवारी की गई रू1.39482/- का गाडियों में डीजल भराया गया। रु1290000/- की कम्प्यूटर सामग्री क्रय की गई रू 193352/- का भोजन, जलपान, चाय पी ली गई 22 चेक से भुगतान कर 68,84,242 वित्तीय अनियमितता की गई रू 5.30.10.734/- रू का भुगतान सीईओ को जानकारी के बिना सीधे कलेक्टर से कराया गया। 143,076 का गबन किया गया रू4.45,43921/-
अभिलेख समिति को नहीं दिए गए। कुल मिलाकर मुन्ना भइया जिन्दाबाद कल्पना कीजिए कोई छोटा कर्मचारी कलेक्टर / कमिश्नर कार्यालय में 1 घंटे विलंब से पहुंचे तो साहब उसका क्या हश्र करते हैं. हल्ला मचता है साहब बहुत कड़क है। सही ही है कमजोर दांत अइसक्रीम तो खा सकते हैं लेकिन अखरोट नहीं तोड़ सकते।
सूत्रों की मानें तो मुन्ना भइया द्वारा किसी बड़े अधिकारी को बर्थडे गिफ्ट में हीरे की अंगूठी दी गई है। अंगूठी की फोटो मुन्ना भइया ने सम्हाल कर इसलिए रखी है कि सनद रहे वक्त पर काम आये। सूत्रों की माने तो अंगूठी की चमक के चकाचौध में मुन्ना भइया 31 मार्च तक डी.पी.सी. बने रहेगे। यदि ऐसा नहीं हुआ तो
मुन्ना भइया हीरे की अंगूठी गिफ्ट करना छोड़ देंगे. ऐसा स्वयं मुन्ना भइया को कहते सुना गया है। अशोक जी भीअपनी बिदाई में चादी का विराट मंदिर ले जा चुके हैं…?? सभी जानते हैं कि पार्थ भइया से न टकराते तो मुन्ना भईया है हीरे की अंगूठी और बहुत कुछ देने में पीछे नहीं हटते,इधर ने भईया को भी साफ कर दिया गया है कि नस न दबाएँ,गिफ्ट लें लें। और फाइल दबा कर बैठ जाए ध्यान रहे फाइल कुर्सी के नीचे दबी प्रतिदिन कुर्सी मे बैठते समय इसे चेक करना न भूले। अन्यथा मुन्ना भइया अब विधायक बनने वाले है। शेष उन्हें भी कुछ न कुछ गिफ्ट जरूर देते। अन्य अधिकारियों को भी ताकीद की या हीरे की किसी अन्य ज्वेलरी की चाह हो तो पहले मुन्ना भइया की कोई कमजोर आई.ए.एस मुन्ना
जाती
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