नंदा की निशानी, किसानो को नही मिला एक बूंद पानी

नंदा की निशानी, किसानो को नही मिला एक बूंद पानी
भ्रष्ट इंजीनियर से एसडीओ बने जीवनलाल नंदा की कहानी
जन संसाधन विभाग में दशकों पदस्थ रहकर किया भ्रष्टाचार
5 वर्ष बाद भी नालिया सूखीं, महज दिखावा बनकर रह गई करोडो की योजनाएं
जल संसाधन विभाग में दशकों से पदस्थ भ्रष्ट इंजीनियर से एसडीओ बने जीवनलाल नंदा ने जिले में अपने नाम की ऐसी निशानी छोडी है जिसे किसान अगले जन्म में भी नही भूल पायेंगे। लगभग 5 वर्ष पूर्व जिस बांध का नंदा ने निर्माण कराया था, उस बांध व केनाल से किसानों के खेतो तक एक बूंद पानी नही पहुंचा। खुद ही ठेकेदार बन कर डेम का निर्माण कराया था और लाखों रूपए डकार कर किसानों के लिए टूटा हुआ गेट छोड गया।
अनूपपुर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों को सुख-सुविधाएं व कृषि को बढावा देने के लिए करोडो रूपए देकर प्रोत्साहित कर रहे है, लेकिन जिले में बैठे भ्रष्ट और बेईमान अधिकारियों-कर्मचारियों के कारण कृषक योजनाओं से वंचित है। जिस उम्मीद से किसानों के लिए बांध का निर्माण कराया गया था, तथा केनाल के माध्यम से उनके खेतो तक पानी पहुंचाने की सुविधा प्रदान की गई थी, परंतु पांच वर्ष बाद भी किसानों के खेतों तक एक बूंद पानी नही पहुंचा। बांध निर्माण के दौरान कई कृषकों के भूमियों को अधिग्रहित कर मुआवाजा का वितरण भी किया गया तथा बांध निर्माण होने से किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड गई थी, परंतु जीनवलाल नंदा जैसे इंजीनियर और ठेकेदार ने किसानों के सपनों व उम्मीदों में पानी फेर दिया।
शुरू से ही लगाया खराब गेट
ग्राम पंचायत परसवार के ग्राम मौहरी स्थित बकान नदी में कुदरी-मौहरी के बीच बांध का निर्माण के लिए निविदा के माध्यम से किसी ग्वालियर के ठेकेदार को प्राप्त हुआ था, निर्माण के दौरान एक भी दिन ठेकेदार निर्माण स्थल नही पहुंचा था, जल संसाधन विभाग के अधिकारी व इंजीनियर/एसडीओ जीवनलाल नंदा का पूरे कार्य में हस्ताक्षेप रहता था। जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता था कि नंदा स्वयं ही ठेकेदार है, जहां कार्य को घटिया स्तर का कराया वही बांध में पानी रोकने के लिए गेट लगाया गया तो खराब लगा दिया, जिसके कारण आज तक बांध में पानी नही रूक पाया।
ग्रामीणों की शिकायत बेअसर
बांध में पानी न रूकना व गेट को बदलने के लिए लिखित रूप से जल संसाधन विभाग को पत्राचार व मौखिक रूप से इंजीनियर जीवनलाल नंदा को कई बार ग्रामीणों ने जानकारी दी, लेकिन आश्वासन देकर अपने कर्तव्यो से इतिश्री पा लेते थे। किसानों के हित के लिए न सोचकर महज अपने जेबे भरने के लिए कार्य पर उतरे ऐसे अधिकारियों पर आज तक किसी ने कोई कार्यवाही नही की, बल्कि पदोन्नत कर एसडीओ पुष्पराजगढ बना दिया गया। उसके बाद से ग्रामीणों का विश्वास जल संसाधन विभाग के उच्चाधिकारी और इंजीनियर नंदा से उठ गया।
खाद्य मंत्री की बात भी अनसुना
प्रदेश के खाद्य मंत्री एवं स्थानीय विधायक बिसाहूलाल सिंह के द्वारा सर्किट हाउस में मीटिंग के दौरान कार्यपालन यंत्री जे.डी. मांझी को इस संबंध में सुधार कार्य करने के लिए कहा गया था, श्री मांझी के द्वारा भी पत्राचार करते हुए जल्द सुधार कार्य कराने का कहा गया था। उसके बाद भी आज तक बांध का गेट नही बदला गया और न ही जांच के लिए कभी बांध तक पहुंचा गया, जिसके कारण ग्रामीण व किसान बांध के लाभ से वंचित है।
इनका कहना है
प्रभारी कार्यपालन यंत्री जे.डी. मांझी से इस संबंध में जानकारी लेने के लिए मोबाइल के माध्यम से संपर्क किया गया तो उन्होने फोन रिसीव नही किया।