नगर निगम में कलेक्टर का पत्र पहुंचते ही पसरा सन्नाटा IHSDP योजना के क्रियान्वयन में रूचि नहीं लेने पर जताई नाराजगी निर्धारित प्रक्रिया का पालन किये बिना किया गया 37 हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन, कर्त्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही एवं उदासीनता का द्योतक
नगर निगम में कलेक्टर का पत्र पहुंचते ही पसरा सन्नाटा
IHSDP योजना के क्रियान्वयन में रूचि नहीं लेने पर जताई नाराजगी
निर्धारित प्रक्रिया का पालन किये बिना किया गया 37 हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन, कर्त्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही एवं उदासीनता का द्योतक
कटनी। कलेक्टर अवि प्रसाद ने नगर निगम में गंदी बस्तियों में निवास करने वाले शहरी गरीबों के लिए एकीकृत आवास एवं बस्ती विकास कार्यक्रम आई.एच.एस.डी.पी. के क्रियान्वयन में रूचि नहीं लेने पर नगर निगम की कार्यप्रणाली के प्रति नाराजगी व्यक्त की है। नगर निगम में कलेक्टर श्री प्रसाद का पत्र पहुंचते ही सन्नाटा पसर गया है और हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई है। कलेक्टर श्री प्रसाद ने नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि वर्ष 2007 से शुरू हुई इस योजना को करीब 16 वर्ष हो चुके हैं लेकिन गरीब हितैषी योजना के क्रियान्वयन में कोई भी रूचि नहीं ली जा रही है। जो खेदजनक है। कलेक्टर श्री प्रसाद ने योजना के प्रावधान और नियमों के तहत 15 दिन के भीतर कार्यवाही पूरी कर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। विदित हो कि राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा 24 जुलाई 2007 को एकीकृत आवास एवं बस्ती विकास कार्यक्रम के दिशा-निर्देश जारी किये गये थे। योजनान्तर्गत 2182 आवासों में से 1063 आवासों को समर्पित कर दिया गया। इस प्रकार 1119 आवासों का निर्माण कराया जाना था, जिसमें 985 आवासों का ही निर्माण किया गया है। कलेक्टर श्री प्रसाद ने निगमायुक्त को लिखे पत्र में उल्लेखित किया है कि मेयर इन काउंसिल के द्वारा समय-समय पर प्रस्ताव पारित कर अवैध कब्जाधारियों से आवास रिक्त कराने, पात्र हितग्राहियों को आवास आवंटन कर कब्जा दिलाने, वैध कब्जाधारी हितग्राहियों के दस्तावेजों का सत्यापन कराने और ऐसे हितग्राही जिन्हें आवास आवंटित नहीं हो पाये हैं। उनकी जमा राशि वापस किये जाने के प्रस्ताव व संकल्प पारित किये जाने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई और 37 हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन निर्धारित प्रक्रिया का पालन किये बिना चाहा गया है। जो कि कर्त्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही एवं उदासीनता का द्योतक है। कलेक्टर ने कहा कि नियमानुसार कार्यवाही 15 दिवस में पूर्ण कर पालन प्रतिवेदन सहित अवगत करायें। अन्यथा की स्थिति में उत्तरदायित्वों का निर्धारण कर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी।