सहायक प्राध्यापकों की भर्ती में विश्वविद्यालय ने की थी धांधली

अचयनित अभ्यर्थियों ने लगाया आरोप, भर्ती निरस्त करने की मांग
शहडोल। पंडित शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती में भारी गड़बड़ी की गई और कुछ लोगों को भर्ती कर शेष लोगों को सूचना भी नहीं दी। इस आशय के आरोप अचयनित हुए प्रतिभागियों ने लगाए हैं। उन्होने जानकारी में बताया कि भर्ती के लिए विश्वविद्यालय की ओर से विज्ञापन (क्रमांक- 1367/2021 /8-11-2021 ) जारी किया गया था। भर्ती प्रक्रिया में कई बिंदुओं के तहत भ्रष्टाचार किया गया है।
आरोप लगाया गया कि भर्ती प्रक्रिया में रोस्टर का पालन नहीं किया गया है। भर्ती प्रक्रिया में आवेदकों/अभ्यर्थियों कि प्रवीणय सूची (मेरिट लिस्ट) वेबसाइट पर जारी नहीं की गई है। भर्ती प्रक्रिया में चयनित व अचयनित आवेदकों की मेरिट लिस्ट जारी नहीं किया गया। बल्कि जल्दबाजी में व्यक्तिगत रूप से मेल द्वारा नियुक्ति पत्र भेज दिए गए व दूसरे दिन 10: 30 बजे अधिकांश को ज्वाइन करा लिया गया। कुछ प्रतिभागी तो पूर्व से ही होटल (शहडोल) में रुके हुए थे। भर्ती प्रक्रिया में एक पद के विरुद्ध 10 से 12 प्रतिभागी तक बुलाने चाहिए थे। किंतु कुलपति द्वारा मनमानी करते हुए सभी आवेदकों को साक्षात्कार में बुलाया गया। क्योंकि जिस चहेते प्रतिभागी का चयन करना था वह 20 या 30 बे नंबर पर था प्रवीण सूची में। अत: स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार दिखाई दे रहा है।
भर्ती प्रक्रिया में ‘स्क्रीनिंग प्रक्रिया‘ का पालन नहीं किया गया। भर्ती प्रक्रिया में ‘यूजीसी रेगुलेशन 2018‘ का परिपालन भी सही तरीके से नहीं किया गया है। राजनीति शास्त्र की एक महिला प्रतिभागी जो कुलपति की पूर्व से नजदीक रही है। जिसके बारे में नियुक्ति के पूर्व से ही समाचार पत्रों ने फर्जी तरीके से भर्ती की आशंका व्यक्त की थी। जिसका मेरिट लिस्ट में बहुत नीचे नाम होने पर भी उस महिला प्रतिभागी का चयन कर दिया गया। जो कि भ्रष्टाचार का बड़ा संकेत है। वरिष्ठ योग्यता रखने वाले प्रतिभागियों का कुलपति द्वारा चयन न करके नियमों का उल्लंघन करते हुए भर्ती प्रक्रिया में भारी अनियमितता व भ्रष्टाचार किया गया। मान्यवर एस. आई. टी. द्वारा जांच करा कर भर्ती प्रक्रिया को रद्द (समाप्त) किया जाना न्यायसंगत होगा।
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