बाघ ने तेन्दुए को बनाया निवाला

गर्दन की हड्डी टूटने से हुई मौत, नाखून व दांत सुरक्षित
उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंतर्गत पतौर रेंज की बकेली वीट के कक्ष क्रमांक 191 बी में 17-18 फरवरी की मध्य रात्रि में एक नर तेंदुआ बाघ के हमले में मारा गया। 18 को शाम 5 बजे गश्त के दौरान तेंदुए का शव उमरिया बकेली के परिक्षेत्र सहायक द्वारा देखा गया और सूचना तुरंत बरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। सूचना मिलने पर प्रभारी उप संचालक ए. के. शुक्ला तत्काल मौके पर पहुंचे और स्थल निरीक्षण किया। शव के समीप ही एक किल और मादा बाघ के पंजे के निशान देखे गए। सूर्यास्त होने के कारण शव को रात्रि में सुरक्षित किया गया और घटना स्थल को रस्सियों का पेरा बनाकर सुरक्षित किया गया। सुबह टाइगर रिजर्व के निफर डॉग बेली से शव के आसपास खोज करवाई गई, परन्तु कोई मानव उपस्थिति के प्रमाण नहीं देखे गए।
नाखून व दांत सुरक्षित
वन्यप्राणी शल्यज्ञ डॉ अभय सेंगर के द्वारा शव का परीक्षण किया गया, क्षेत्र संचालक विसेंट रहीम, उप संचालक अनिल कुमार शुक्ला, एनटीसीए के प्रतिनिधि सी.एम.खरे, परिक्षेत्र अधिकारी वीरेन्द्र ज्योतिषी एवम् अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति में किया जाकर विभिन्न अवयवों के सैंपल लिए गए। शव परीक्षण के उपरांत शव को समस्त अधिकारियों की उपस्थिति में समस्त अवयवों सहित जलाकर पूर्णत: नष्ट किया गया। तेंदुए की आयु 2 से ढाई वर्ष अनुमानित है, समस्त नाखून व दांत सुरक्षित पाए गए। गले में बाघ के दांतों के निशान पाए गए और हमले के फलस्वरूप गर्दन की हड्डी, रीढ़ की हड्डी से टूटना पाया गया। प्राथमिक जांच में तेंदुए की मृत्यु बाघ के हमले के फलस्वरूप होना पाया गया।