वर्दी की गुण्डागर्दी: भाजपा विधायक को देना पड़ा दखल

शहडोल। जिले के ब्यौहारी विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम चरकवाह व पोड़ी में आबकारी के वर्दीधारियों ने आदिवासी महिला की बेदम पिटाई की, पीडि़त महिला ने पुलिस अधीक्षक सहित उपपुलिस महानिरीक्षक शहडोल को मामले की शिकायत देते हुए न्याय की गुहार लगाई है। निचले स्तर पर वर्दीधारियों के आतंक से आदिवासी कितने खौफजदा हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 3 अप्रैल की दोपहर 11 से 12 के बीच हुई घटना की शिकायत थाने में दर्ज कराने की पीडि़त हिम्मत ही नहीं जुटा सके। घटना के कुछ दिनों बाद पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार गोस्वामी के संदर्भ में उनके न्यायप्रिय होने की चर्चा के बाद पीडि़त महिलाएं शहडोल पहुंची और शिकायत कार्यालय में जाकर दी।
भाजपा विधायक का दखल
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रहने के दौरान सुर्खियां बटोरने वाले ब्यौहारी क्षेत्र के युवा भाजपा विधायक शरद कोल ने भी इस मामले में पुलिस अधिकारियों को 7 अप्रैल को कार्यवाही न होने के बाद विभागीय पत्र क्रमांक 1155 से अवगत कराते हुए कथित वर्दीधारियों पर अपराध कायम करने व पद से हटाये जाने का अनुरोध किया है। सवाल यह उठता है कि क्या जिले की कानून व्यवस्था इतनी पटरी से उतर चुकी है कि पीडि़त निचले स्तर पर थाने में भी जाने से परहेज कर रहे हैं और एक छोटे से मामले में आदिवासियों को न्याय दिलाने के लिए सत्ताधारी दल के युवा विधायक को पत्र लिखना पड़ रहा है।
यह है पीडि़त का आरोप
घटना के संदर्भ में पीडि़त महिला नानबाई प्रजापति की बहू सीता बाई ने बताया कि 3 अप्रैल की दोपहर 11 बजे आरक्षक अरविन्द मिश्रा व आरक्षक योगेन्द्र जायसवाल, आबकारी उपनिरीक्षक रजनीश त्रिपाठी के साथ उनके घर आये थे, उसी समय सास के साथ सीता खेत से गेहूं काटने के बाद घर पहुंची, अरविन्द मिश्रा ने ताला खोलने के लिए कहा, चाभी न होना, बताने पर ताला तोड़ दिया, रोकने पर हाथ में रखे डंडे से मारपीट की, उसके बाद बुलेरो में रखी देशी शराब घर में आंगन में रखी और फोटो खींच ली, मोहल्ले के लोग आये तो, यहां से भाग खड़े हुए।
यह कह रहे वर्दीधारी
घटना के संदर्भ में आरोपी आरक्षक अरविन्द मिश्रा कहते हैं कि उन्होंने कोई मारपीट की, वे तो पड़ोस के घर में अवैध शराब की जांच कर रहे थे, हल्ला होने पर मौके पर पहुंचे तो, साथी वर्दीधारियों ने शराब जब्त की थी। ब्यौहारी वृत्त के आबकारी उपनिरीक्षक रजनीश त्रिपाठी ने इस संदर्भ में बताया कि अरविन्द व योगेन्द्र के साथ कार्यवाही करने गये थे, तथाकथित लोग आदतन शराब बनाकर बेचने का कारोबार करते हैं, पूर्व में भी इनके खिलाफ मामले कायम हैं। अरविन्द कई वर्षाे से यहां पर है, हो सकता है कि पूर्व की कोई रंजिश रही हो, जिस कारण उस पर ऐसे आरोप लग रहे हैं, घटना के दिन आरोपी महिला के पास से 20 किलो लाहन व 2 लीटर जब्त की गई थी, उसकी बहू के पास से भी 20 किलो लाहन व पोड़ी की महिला के पास से भी लाहन व अवैध शराब जब्त कर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 34 (1) के तहत हमने कार्यवाही की। झूठे आरोप क्यों लगा रहे हैं, यह वही जाने।