बम्हनी पंचायत में भ्रष्टाचार की जय

सरपंच ने सचिव पर लगाये धमकाने के आरोप
सचिव रिश्तेदार के नाम पर लगा रहे टिन नंबर पर बिल
(Anil Tiwari+70003 62359)
अनूपपुर। प्रशासन के नियम को दरकिनार करके अपने मनमानी ढंग से पंचायत चला रहे हैं, पंचायत सचिव रिश्तेदारों के नाम पर बिल लगाये जा रहे है, हर निर्माण कार्याे में सचिव अपने रिश्तेदार के नाम पर बिल भुगतान कर रहे हैं, पुष्पराजगढ़ विधायक फुन्देलाल के करीबी नेता पूर्व जनपद उपाध्यक्ष संतोष पाण्डेय उर्फ बबलू के भाई होने के चलते सचिव सरपंच पर दबाव बनाकर नियम विरूद्ध बिलों के भुगतान हो रहे हैं, मजे की बात तो यह है कि जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जानकारी होने के बावजूद सचिव का सहयोग किया जा रहा है, लेकिन जिले में बैठे अधिकारियो ने भी इस मामले से किनारा किये हुए है।
यह है मामला
पुष्पराजगढ़ जनपद की ग्राम पंचायत बम्हनी में रिश्तेदारों के नाम पर बिल लगाने का खेल चल रहा है, लगातार सचिव की भाभी मेसर्स सुधा पाण्डेय की फर्म को भुगतान नियम विरूद्ध किये जा रहे हैं, इस मामले सचिव द्वारा भाई की नेतागिरी का फायदा उठाकर आदिवासी सरपंच पर दबाव बनाकर खाली बिलों पर हस्ताक्षर करवा कर रख लिया गया है, साथ ही सरपंच को कहा गया कि पूर्व में हुए कामों के बिल पास करने है, मजे की बात तो यह है कि वर्ष 2022 में टिन नंबर पर भुगतान किया गया है, सबसे चौकाने वाला पहलू तो यह है कि बिल में यह तक उल्लेख नहीं है कि खरीदी क्या की गई और 70 हजार का बिल पास हो गया।
टिन नंबर पर हुए भुगतान
बीते वर्षाे के दौरान पंचायतों में लगे और भुगतान लिए हुए बिलों पर नजर डाले तो फर्म संचालक ने इस दौरान ईंट, रेत, गिट्टी, मुरूम, दरवाजा, लोहा, पेन्ट से लेकर हर ऐसी वस्तुओं के बिल बम्हनी पंचायत में लगाये गये, जिससे शासकीय राशि आहरित हो सकती थी, यह अलग जांच का विषय है कि बेची गई सामग्री मेसर्स सुधा पाण्डेय की फर्म ने कहां से खरीदी की, सरपंच ने आरोप लगाया कि सचिव द्वारा पंचायत में मनमानी की जाती है और अपनी जनपद से लेकर जिले तक की पहुंच बताकर धमकाया जाता है, बिलो में शासन को मिलने वाली टैक्स व जीएसटी तक के जिक्र तक नहीं किया।
कायदों की उड़ी धज्जियां
राज्य शासन के नए प्रावधान के तहत सरपंच-सचिव अपनी पुत्री, पुत्र, भतीजा, भतीजी, भाई, भाभी, साली व रिश्तेदारों की सप्लायर फर्मों के नाम भुगतान नहीं कर सकते, लेकिन पुष्पराजगढ़ जनपद क्षेत्र में यह कार्य धड़ल्ले से हो रहा है। बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। नवंबर 2015 से पहले पंच-परमेश्वर एवं मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत क्षेत्र में किए जाने वाले निर्माण कार्य का भुगतान सरपंच-सचिव चेक के माध्यम से सप्लायर फर्म को किया करते थे। सरपंच-सचिव ने इस प्रावधान का लाभ उठाते हुए अपने पुत्र, पुत्री, भाई, भाभी व अन्य संबंधियों के नाम फर्में बनाकर सरकारी भुगतान हड़पना शुरू कर दिया। लेकिन यह मामला संज्ञान में आते ही राज्य शासन ने प्रावधान में बदलाव कर दिया। जिसके तहत सरपंच-सचिव एवं रोजगार सहायक के रिश्तेदार को मनरेगा व पंचपरमेश्वर योजना के तहत भुगतान नहीं हो सकता है। इस पर लगाम करने के लिए लिए राज्य शासन ने प्रदेश के प्रत्येक जनपद सीईओ को निर्देश भी जारी किए, लेकिन पुष्पराजगढ़ क्षेत्र में शासन के नियमों को ताक पर रखकर बम्हनी सचिव जय प्रकाश पाण्डेय द्वारा अपनी भाभी की फर्म मेसर्स सुधा पाण्डेय के नाम पर भुगतान किया गया है।