नशीली दवाओं के तस्करों पर कब होगी कार्यवाही

धनपुरी। नशीली दवाओं की अवैध बिक्री करने वालों के हौसले सख्त कार्यवाही ना होने की वजह से एक बार फिर बुलंद
हो चुके हैं, अमलाई एवं धनपुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत एक बार फिर से नशीली दावों का अवैध कारोबार रफ्तार पकडने
लगा ह,ै पुलिस का मुखबिर तंत्र मानो चैन की नींद सो रहा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अमलाई थाना क्षेत्र
अंतर्गत आने वाले शॉपिंग कंपलेक्स धनपुरी नंबर-3 में एक दवा दुकान की आड़ में नशीली दवाओं का अवैध कारोबार
लंबे समय से भाईजान के द्वारा किया जा रहा है, इस जगह में सिर्फ नशीली दवाओं की लत का शिकार हो चुके युवक

दूर-दूर से पहुंचते हैं और झटपट महंगे दाम पर नशीली दवाइयां लेकर रफू चक्कर हो जाते हैं, इसके ऊपर कभी
कार्यवाही नहीं होने की वजह से इसके हौसले सातवें आसमान पर पहुंच चुके हैं, युवकों की नसों में नशे का जहर
घोलकर रोजाना 10 से 20 हजार की कमाई कर रहा है। इस संबंध में जब थाना प्रभारी अमलाई जयप्रकाश नारायण
शर्मा से चर्चा की गई तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि थाना क्षेत्र अंतर्गत किसी को भी नशीली दवाओं का
अवैध कारोबार नहीं करने दिया जाएगा, बहुत ही जल्द ऐसे लोगों पर अभियान चलाकर कार्यवाही की जाएगी।
धनपुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत भी एक बार फिर से नशीली दवाओं का अवैध कारोबार शुरू हो चुका है दिलशाद पप्पू जाहिद
नाम के युवक बिना किसी खौफ के फोन पर दवाइयों का ऑर्डर ले रहे हैं और होम डिलीवरी कर रहे हैं। धनपुरी नगर में
नशेडिय़ों की डिमांड पर नशीली दवाओं के कुछ पुराने तस्कर दुकान भी खोल चुके हैं। ज्ञात हो कि पूर्व में कुरियर के
माध्यम से नशीली दवाओं का अवैध कारोबार संचालित करने वाले और फिर कोतवाली पुलिस के द्वारा रंगे हाथ
पकड़ जाने के बाद जेल की हवा खाने वाले भी दुकानदार बन चुके हैं कहते हैं, कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं होती, इनके
आसपास आज भी नशीली दवाओं की लत का शिकार हो चुके युवक मंडराते रहते हैं, आप समझ सकते हैं नशीली
दवाओं की लत का शिकार हो चुके युवक आखिर क्यों भीड़ लगाकर रखते होंगे कहने को तो शहडोल जिले में नशीली
दवाओं की अवैध बिक्री करने वालों के खिलाफ ऑपरेशन प्रहार चलाया जा रहा है लेकिन ऑपरेशन प्रहार का वार अब
असरदार नहीं समझ में आ रहा है, इसीलिए शायद नशीली दवाओं के तस्करों के हौसले बुलंद हो चले हैं।
शहडोल जिले से नशीली दवाओं के अवैध कारोबार को जड़ से खत्म करने की मुहिम तत्कालीन पुलिस अधीक्षक
सत्येंद्र कुमार शुक्ला के कार्यकाल के दौरान शुरू हुई थी, उनके कार्यकाल के दौरान पुलिस ने नशीली दवाओं के
तस्करों के ऊपर ताबड़तोड़ कार्यवाही की थी, जिसके बाद धनपुरी एवं कोयलांचल की जनता को लगने लगा था कि
नशीली दवाओं का अवैध कारोबार अब दम तोड़ कर रहेगा। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ला के
स्थानांतरण के बाद पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार गोस्वामी के कार्यकाल में भी नशीली दवाओं के तस्करों के ऊपर
लगातार कार्यवाही हो रही थी, लेकिन वर्तमान समय में कार्यवाही ना होने से धनपुरी एवं कोयलांचल की जनता
निराश हो चुकी है, धीरे-धीरे जनता की उम्मीद अब दम तोडऩे लगी है, क्योंकि नशीली दवाओं के तस्कर एक बार फिर
से अपना सर उठाने लगे हैं उनके सर को कुचलने में पुलिस प्रशासन पता नहीं किस कारण से लगातार ना काम हो रहा
है।

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