महिलाएं बन रही हैं स्वाबलंबी और आत्मनिर्भर विभिन्न्न आजीविका योजनाओं से जोड़कर परिवारों की आय मे हुई वृद्धि
महिलाएं बन रही हैं स्वाबलंबी और आत्मनिर्भर
विभिन्न्न आजीविका योजनाओं से जोड़कर परिवारों की आय मे हुई वृद्धि
कटनी ॥ भारत सरकार द्वारा गरीब परिवारों की आय बढाने के उददेश्य से वर्ष 2012 से चरणबद्व रूप से सभी 28 राज्यो एवं केन्द्र शासित प्रदेशो मे ग्रामीण आजीविका मिशन शुरू किया । जिसके फलस्वरूप मध्यप्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का संचालन 2012 मे चरणबद्व रूप से कुछ ज़िलों से शुरू होकर आज प्रदेश के समस्त 52 जिलों मे संचालित है कटनी जिले मे वर्ष 2017 में मिशन का प्रांरभ प्रभावी ढंग से आरंभ हुआ।मिशन द्वारा विगत 5 वर्षो से निरंतर ग्रामीण क्षेत्रो मे गरीब महिलाओ को संगठित कर उन्हे समूह बनाये जाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है । अभी तक 8295 समूहों का गठन किया जाकर 95936 सदस्यो को जोडा जा चुका है । जिला पंचायत सीईओ शिशिर गेमावत के निर्देश पर इन परिवारों को आजीविका बढाने हेतु उनकी क्षमताए कौशल योग्यता व उपलब्ध संसाधनो के आधार पर प्रशिक्षण प्रदाय कर राशि उपलब्ध कराई जा रही है जिससे परिवार आजीविका के नये साधन विकसित कर आय अर्जन के कार्य कर रहे है । विगत माह से मिशन द्वारा किये जा रहे कार्यो का समुदाय पर पड़ने वाले प्रभाव उनके आजीविका के साधन व आय की जानकारी हेतु सक्रिय समूह सदस्यो द्वारा एन्ड्रायड एप के माध्यम से सर्वे का कार्य शुरू किया गया है सर्वे के कार्य मे लगे समूह सदस्यो को इस कार्य हेतु 2 चरणो में प्रशिक्षण प्रदाय कर प्रशिक्षित किया गया है ताकि वास्तविक आकडे प्राप्त हो सके । इसकी निगरानी जिला एवं राज्य स्तर से की जा रही है । मिशन द्वारा किये जा रहे कार्यो के उत्साहजनक परिणाम आये है। आजीविका मिशन की जिला प्रबंधक शबाना बेगम ने बताया कि अभी तक किये गये सर्वे अनुसार 19300 परिवारो की आय 10000 प्रतिमाह से अधिक एवं 23240 परिवारो की आय प्रतिमाह 8000 से अधिक हो गई है । मिशन द्वारा वर्तमान तक 6800 समूहो को चक्रीय राशि के रूप् मे 6 करोड 26 लाख रू एंव सामुदायिक निवेश निधि के रूप 3276 समूहो को 26 करोड 84 लाख रू साथ ही इस वितीय वर्ष मे नगद साख सीमा के रूप मे 1274 समूहो को राशि रू 20 करोड 16 लाख रूपये प्रदाय किये जा चुके है ।
महिला सशक्तिकरण एवं आजीविका संर्वधन हेतु राज्यू शासन द्वारा भी कई कार्य स्व सहायता समूहो को सौंपकर अनुकरणीय पहल की गई है। आज स्व सहायता समूहो द्वारा राशन की दुकान का संचालन से लेकर ग्राम पंचायतो मे जलकर राशि संग्रहण, गौशाला, नर्सरी, दीदी कैफे, रूलर मार्ट, भारत उर्जा देवी योजना अंतर्गत ग्रामीण गैस एवं पेट्रोलियम उत्पाद वितरण एजेन्सी का संचालन एवं संधारण कर रही है अब सुनैना चौधरी, खुशबू चौधरी, संगीता ढीमर, शकुन पटेल, अनीसा बेगम, विमला हल्दलकार, प्रतिमा दाहिया, राजकुमार पटेल , ज्योति चौरसिया, सीता सोनी जैसी सैकड़ों महिलाऍ आत्मानिर्भर हो रही है । जिला पंचायत के सीईओ श्री गेमावत ने बताया है कि स्वसहायता समूह को शासन द्वारा नित्य् नए कार्य सौपे जा रहे है । स्व सहायता समूहो द्वारा कई प्रकार की आजीविका गतिविधियो की जा रही है आज इनके प्रोडक्ट के लिये स्वंय का पोर्टल विकसित किया गया है जिसके माध्यम से अपने उत्पाद का प्रचार प्रसार व उसका विक्रय कर रही है । जिला परियोजना प्रबंधक शबाना बेगम द्वारा बताया गया है कि स्व सहायता समूह सदस्यो के परिवार की आर्थिक उन्नति के लिए मिशन प्रतिबद्व है एवं इस हेतु निरंतर प्रयास किये जा रहे है । इस वित्त य वर्ष मे ग्रामीण स्वारोजगार प्रशिक्षण सस्थान से 474 बेरोजगार युवक युवतियो को स्वरोजगार का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है इसी प्रकार दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना प्रशिक्षण सह नियोजन अंतर्गत 282 युवक युवतियो को प्रशिक्षण प्रदाय किया जा रहा है रोजगार मेले के माध्यम से से 553 युवक युवतियो को रोजगार के अवसर उपलब्ध् कराये गये है।
खेती को लाभ का धंधा बनाये जाने के उददेश्य से फील्ड स्तर पर कृषि एवं पशु सीआरपी की तैनाती की गई है जो कि कम लागत मे अधिक पैदावार जैसे जरूरी जानकारी कृषको से साझा करने के साथ साथ उन्हें नवीन तकनीक की जानकारी भी प्रदान कर रही है । बैंको मे कार्यो की सुगमता के दृष्टिकोण से बैंक सखियो की तैनाती की गई है ताकि गरीब आमजन एवं स्वसहायता समूह सदस्यो को बैंकिंग कार्यो मे किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो साथ ही यह सीआरपी स्वसहायता समूह सदस्योे को अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षाबीमा योजना से स्वसहायता समूहो को जोडने के कार्यो मे संलग्न है । दूरस्थ अंचलो तक बैंकिंग सेवाओ की पहॅुच सुनिश्चित करने हेतु बीसी सखी तैनात की गई है जिन्हे हैण्ड होल्ड डिवाइस प्रदान की गई है इस डिवाइस मे थम्ब माध्य्म से बिना बैंक गये लेन देन किया जा सकता है ।